Whatsapp Group पर कोई बताए लाखों रुपये कमाने की यह स्कीम, तो कहीं फंस न जाएं आप
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Whatsapp Group पर कोई बताए लाखों रुपये कमाने की यह स्कीम, तो कहीं फंस न जाएं आप

अभय कुमार मिश्र, सीओ, साइबर सेल ने जानकारी दी है कि आरोपियों से पूछताछ करने पर पता चला है कि उन्होंने एक ही सीरीज के मोबाइल नंबर लिए थे. उसी नंबर से कई व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर आरोपी उसमें टावर लगवाने के मैसेज डालते थे.

Whatsapp Group पर कोई बताए लाखों रुपये कमाने की यह स्कीम, तो कहीं फंस न जाएं आप

गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश की गाजियाबाद पुलिस ने साइबर क्राइम पर लगाम लगाने को लेकर एक बड़ी जीत हासिल की है. गाजियाबाद पुलिस की साइबर सेल ने मोबाइल टावर ऑनलाइन गेम और सट्टे के नाम पर हो रही ठगी को रोक दिया है. इसके पीछे जिस गिरोह का हाथ था, उसका भी खुलासा कर दिया है. फिलहाल, 2 आरोपी पुलिस की गिरफ्त में हैं.

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500 लोगों से कर चुका है ठगी
बता दें, पुलिस ने जानकारी दी है कि इस गिरोह ने करीब 500 लोगों के साथ ठगी को अंजाम देकर सवा करोड़ रुपये अपने नाम किए हैं. बताया जा रहा है कि छात्रों के 4 अकाउंट पकड़े गए हैं. इनमें से एक खाते में 95 लाख रुपये थे, जिन्हें सीज कर दिया गया है. पुलिस का कहना है कि इस गैंग के 4 मेंबर्स अभी फरार चल रहे हैं. लेकिन उनकी तलाश जारी है और पुलिस की कई टीमें लगातार दबिश दे रही हैं. जल्द ही उनकी भी गिरफ्तारी होगी.

सरगना समेत एक छात्र गिरफ्तार
दिल्ली का रहने वाला नितिन गुप्ता नाम का एक शख्स इस गैंग का सरगना है, जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. इसके अलावा हाथरस का रहने वाला अनुराग चौधरी भी एक मेंबर है, जो बीए के फर्स्ट ईयर की पढ़ाई कर रहा है. यह भी पुलिस की गिरफ्ट में है.

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ऐसे करते थे ठगी
अभय कुमार मिश्र, सीओ, साइबर सेल ने जानकारी दी है कि आरोपियों से पूछताछ करने पर पता चला है कि उन्होंने एक ही सीरीज के मोबाइल नंबर लिए थे. उसी नंबर से कई व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर आरोपी उसमें टावर लगवाने के मैसेज डालते थे. इसके बाद, टावर लगवाने की इच्छुक लोगों को 70 से 80 हजार प्रति महीने कमाने के लालच दिया जाता था. ग्रुप के जिस नंबर का रिप्लाई आ जाता था, आरोपी उसे अपना शिकार बना लेते थे. टावर लगवाने के नाम पर दो से ढाई लाख रुपए मांगते थे. व्यक्ति द्वारा रुपये दे देने पर आरोपी ग्रुप बंद कर फरार हो जाते थे.

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