Chandrayaan-3 Landing : भारत से पहले अमेरिका, रूस और चीन चांद पर कदम रख चुके हैं. चंद्रयान 2 की विफलता के बाद ही भारत अपने अगले चांद मिशन पर जुट गया था. आखिर में भारत ने दुनिया को दिखा दिया कि वह भी चौथी अंतरिक्ष महाशक्ति बन गया है.
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Chandrayaan-3 Landing : भारत ने चांद पर कदम रखकर इतिहास रच दिया है. इसके बाद भारत की हर तरफ तारीफ हो रही है. इस उपलब्धि के बाद अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत चौथी अंतरिक्ष महाशक्ति बन गया. वहीं, दक्षिणी ध्रुव के पास उतरने वाला भारत पहला ऐसा देश बन गया है. इसरो के वैज्ञानिकों ने यह मुकाम हासिल करने के लिए दिनरात चार साल कड़ी मेहनत की. तो आइये जानते हैं चंद्रयान 3 मिशन के वो 5 असली हीरो कौन-कौन हैं.
डॉ. एस सोमनाथ
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अध्यक्ष डॉ. एस सोमनाथ का चंद्रयान 3 मिशन में सबसे अहम योगदान रहा है. बतौर एयरोस्पेस इंजीनियर इंजीनियर डॉ. एस सोमनाथ ने व्हीकल मार्क 3 डिजाइन किया. इसे बाहुबली रॉकेट भी कहा गया. बाहुबली रॉकेट ने ही चंद्रयान 3 को चंद्रमा की कक्षा में पहुंचाया.
#WATCH इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने चंद्रयान-3 मिशन की सफलता पर अपनी टीम को बधाई दी। pic.twitter.com/3d5vBTIBbs
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 23, 2023
पी वीरमुथुवेल
पी वीरमुथुवेल ही चंद्रयान 3 मिशन के प्रोजेक्ट डायरेक्टर हैं. इन्होंने साल 2019 में चंद्रयान 3 के परियोजना निदेशक के रूप में कार्यभार संभाला. इससे पहले वह इसरो के मुख्य कार्यालय में स्पेस इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोगाम कार्यालय में उप निदेशक की जिम्मेदारी संभाल रहे थे.
कल्पना के
चंद्रयान 3 मिशन में डिप्टी प्रोजेक्ट डायरेक्टर की जिम्मेदारी डॉ. कल्पना को दी गई थी. डॉ. कल्पना बीते चार साल से दिन रात चंद्रयान मिशन के लिए काम कर रही हैं. डॉ. कल्पना यूआर राव सैटेलाइट सेंटर में डिप्टी प्रोजेक्ट डायरेक्टर की भूमिका निभा रही हैं.
एम शंकरन
एम शंकरन ने जून 2021 में यू आर राव सैटेलाइट सेंटर में निदेशक की भूमिका निभाई है. वर्तमान में एम शंकरन ऐसे उपग्रहों के निर्माण के लिए जिम्मेदार टीम का नेतृत्व कर रहे हैं जो संचार, नेविगेशन, रिमोट सेंसिंग, मौसम पूर्वानुमान और ग्रहों की खोज सहित भारत की विविध आवश्यकताओं को पूरा करते हैं. बता दें कि यूआरएससी को इसरो के लिए भारत के सभी उपग्रहों के डिजाइन और निर्माण का काम सौंपा गया है.
रितु कारीधाल
चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग की जिम्मेदारी रितु कारीधाल पर भी थी. रितु को रॉकेट वुमन ऑफ इंडिया के नाम से भी जाना जाता है. इसरो ने उन्हें चंद्रयान-3 का मिशन निदेशक बनाया है. कारीधाल चंद्रयान-2 समेत कई अंतरिक्ष मिशनों का हिस्सा रह चुकी हैं.
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