Weekly Vrat Festivals List: इस सप्ताह करवा चौथ और पापांकुश एकादशी समेत कई ऐसे व्रत त्योहार हैं जिनका हिंदू धर्म में बहुत महत्व बताया गया है. यहां देखिये 14 से 20 अक्टूबर के बीच आने वाले सभी महत्वपूर्ण त्योहारों की सही तारीख और पूजा का मुहूर्त क्या रहेगा.
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Weekly Vrat Festivals List: अक्टूबर का पूरा महीना त्योहारों का है. दशहरा के बाद सप्ताह के पहले पापांकुश एकादशी है तो वहीं सुहागिनों का प्रमुख त्योहार करवा चौथ भी इसी सप्ताह आ रहा है. आइये आपको बताते हैं 14 अक्टूबर से 20 अक्टूबर के बीच कौन-कौन से प्रमुख व्रत त्योहार हैं उनका हिंदू धर्म में क्या महत्व बताया गया है और उनकी पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है.
14 से 20 अक्टूबर के बीच व्रत-त्योहारों की पूरी लिस्ट
(Vrat and Festival List from 14 to 20 October 2024)
पापांकुशा एकादशी (14 अक्टूबर 2024, सोमवार)
पापांकुशा एकादशी का व्रत अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को रखा जाता है. यह व्रत सभी पापों से मुक्ति दिलाने वाला माना जाता है और जीवन में सुख-शांति और मोक्ष प्रदान करता है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और विशेष रूप से भगवान पद्मनाभ की आराधना की जाती है. व्रती पूरे दिन उपवास रखते हैं और अगले दिन पारण करते हैं. पूजा मुहूर्त इस दिन प्रातः 07:00 बजे से लेकर दोपहर 12:00 बजे तक रहेगा.
प्रदोष व्रत (15 अक्टूबर 2024, मंगलवार)
प्रदोष व्रत हर माह की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है और इस दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है. शिवभक्त इस दिन उपवास रखते हैं और शिवलिंग पर जल और बेलपत्र अर्पित करते हैं. जीवन में समृद्धि और सुख की कामना के लिए यह व्रत बहुत महत्वपूर्ण बताया जाता है. प्रदोष व्रत में पूजा का समय शाम 05:50 बजे से रात 08:20 बजे तक रहेगा.
अश्विन पूर्णिमाय/ शरद पूर्णिमा व्रत (17 अक्टूबर 2024, गुरुवार)
अश्विन पूर्णिमा व्रत का विशेष महत्व है क्योंकि यह दिन शरद पूर्णिमा के नाम से भी प्रसिद्ध है. माना जाता है कि इस दिन चंद्रमा की किरणों से अमृत बरसता है. इसलिए इस दिन खीर बनाकर चंद्रमा की रोशनी में रखा जाता है और फिर उसका प्रसाद ग्रहण किया जाता है. इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है. पूजा का मुहूर्त इस दिन शाम 06:00 बजे से रात 09:00 बजे तक है.
तुला संक्रांति (17 अक्टूबर 2024, गुरुवार)
तुला संक्रांति के दिन सूर्य देव कन्या राशि से तुला राशि में प्रवेश करते हैं. इसे खासतौर पर दक्षिण भारत में बड़े उत्साह से मनाया जाता है. इस दिन दान-पुण्य का विशेष महत्व होता है. पवित्र नदियों में स्नान कर भगवान सूर्य की पूजा की जाती है. तुला संक्रांति का समय सुबह 08:30 बजे से 10:45 बजे तक रहेगा. सूर्य पूजा के साथ-साथ जरूरतमंदों को दान देने से पुण्य की प्राप्ति होती है.
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करवा चौथ (20 अक्टूबर 2024, रविवार)
करवा चौथ व्रत विवाहित महिलाओं के लिए विशेष होता है, जो अपने पति की लंबी आयु और स्वस्थ जीवन की कामना के लिए इस व्रत का पालन करती हैं. महिलाएं दिनभर निर्जल व्रत रखती हैं और रात को चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद व्रत तोड़ती हैं. इस दिन करवा माता की पूजा की जाती है. चंद्र दर्शन का समय रात 08:50 बजे रहेगा. पूजा का मुहूर्त शाम 06:10 बजे से 07:20 बजे तक है.
कार्तिक संकष्टी चतुर्थी (20 अक्टूबर 2024, रविवार)
कार्तिक संकष्टी चतुर्थी भगवान गणेश को समर्पित होती है. इस दिन व्रत रखने से सभी बाधाएं दूर होती हैं और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. व्रतधारी दिनभर उपवास रखते हैं और शाम को चंद्रमा के दर्शन के बाद व्रत का पारण करते हैं. इस दिन गणेशजी की पूजा का महत्व होता है, विशेष रूप से "गणेश चतुर्थी व्रत कथा" का पाठ किया जाता है. चंद्र दर्शन का समय रात 08:50 बजे रहेगा, और पूजा का समय शाम 06:00 बजे से 07:30 बजे तक है.
Disclaimer: दी गई जानकारी पंचांग और ज्योतिषीय मान्यताओं पर आधारित है. ZEE UP/UK इसकी प्रमाणिकता की पुष्टि नहीं करता.
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