Janmashtami Special: भगवान कृष्ण की बहनें कौन थी और कृष्ण ने कैसे किया सत्यभामा और जामवंती से विवाह, जानें श्री कृष्ण जीवन की ये विचित्र कथाएं
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Janmashtami Special: भगवान कृष्ण की बहनें कौन थी और कृष्ण ने कैसे किया सत्यभामा और जामवंती से विवाह, जानें श्री कृष्ण जीवन की ये विचित्र कथाएं

janmashtami special: भक्तों के आराध्य देव भगवान श्री कृष्ण के जीवन की ऐसी अनेक कथाएं हैं जिनके बारे में भक्त बहुत कम जानते हैं. ऐसी ही कहानी उनके विवाह की भी है. यहां पढ़ें प्रभु की विवाह की कहानी. 

 

Shri Krishna (File Photo)

Janmashtami Special 2023: जब भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था तब उनकी माता देवकी तथा उनके पिता वसुदेव जी को कंस ने कारगर में डाला हुआ था क्योंकि कंस को भविषयवाणी हुई थी कि देवकी की आठवीं संतान कंस का वध करेगी.  इसलिए जब भी कारागार उनकी कोई संतान जन्म लेती, तो कंस अपने हाथों से देवकी के नवजात शिशुओं को मार देता था. भगवान कृष्ण का जन्म भद्रपद महीने की अष्टमी तिथि को घनघोर अंधेरी रात में रोहिणी नक्षत्र में हुआ था.

कृष्ण भगवान का जन्म हुआ तो उस समय कारागार के सभी सैनिक एवं सेनापति सो रहे थे, सभी दरवाजे अपने आप ही खुल गए. वासुदेव जी गोकुल के मुखिया नंदलाल जी के यहां गए,  उसी दिन उनकी पत्नी यशोदा जी ने एक कन्या को जन्म दिया था. वसुदेव जी ने अपने पुत्र कृष्ण को यशोदा जी के बगल में रख दिया और उस छोटी कन्या को उठाकर टोकरी में रख लिया और वापस कारागार लौट आए. कंस कारागार में आकर उस कन्या को उठाता है, वह कन्या देवी माया का रूप ले लेती है. और कंस को बोलती है. देवकी का आठवां पुत्र जन्म ले चुका है. 

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भगवान कृष्ण की बहनें 
मानते हैं कि भगवान कृष्ण की चार बहनें थीं. यशोदा जी की एक पुत्री थी जिनका नाम एकांकी था. इन्होने एकांतवास धारण कर लिया था. यादव वंश के बहुत से लोग इनको अपनी कुल माता के रूप में आज भी पूजते हैं. कृष्ण भगवान की सौतेली मां रोहिणी की पुत्री सुभद्रा इनकी दूसरी बहन हैं. महामाया भी कृष्ण भगवान की बहन है. और इनकी चौथी बहन द्रौपदी है. 

 

 

 

सत्यभामा और जामवंती से विवाह 
सत्यभामा द्वारका के शाही कोषाध्यक्ष यादव राजा सत्रजित की बेटी थी,सत्रजीत को भगवान सूर्य ने एक हीरा दिया था. एक दिन सत्रजित का भाई प्रसेन हीरा पहनकर शिकार के लिए निकला, लेकिन एक शेर ने उसे मार डाला. जाम्बवन ने उस शेर को मार डाला और अपनी बेटी जाम्बवती को हीरा दे दिया. सत्रजीत ने भगवान कृष्ण पर अपने भाई को मारने का आरोप लगाया. और कहा कि कृष्ण ने हीरा पाने के लिए ऐसा किया. कृष्ण, अपनी प्रतिष्ठा पर लगे दाग को हटाने के लिए हीरे की तलाश में निकल पड़े और यह हीरा जाम्बवन की गुफा में उनकी बेटी के पास मिला.

जाम्बवन ने कृष्ण को भगवान राम का अवतार पहचान लिया और उनका विवाह अपनी बेटी जामवंती से कर दिया. जब कृष्ण हीरा लेकर सत्रजीत के पास गए तो सत्रजीत बहुत शर्मिंदा हुए और उन्हें अपनी बेटी सत्यभामा दे दी. श्री कृष्ण ने सत्यभामा से विवाह कर लिया और हीरा लेने से मना कर दिया.

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