Malmaas 2023 : मलमास में किसी भी तरह के शुभ कार्य को नहीं किया जाता है. मान्यता है कि मलमास में पालनकर्ता भगवान विष्णु की पूजा का महत्व विशेष महत्व है. अधिक मास में अगर भक्तगण पूरे मन से भगवान विष्णु की आराधना करें तो उनकी मनोकामनाएं पूर्ण होती है.
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Malmaas 2023 : सावन का महीना चल रहा है. इस बार सावन मास के बीच में ही मलमास यानी अधिक मास भी लग रहा है. इसे पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है. इसके चलते इस बार करीब 2 महीने का सावन होने वाला है. सावन की शुरुआत चार जुलाई से हुई थी. ऐसे में यह मलमास कब खत्म हो रहा है. क्यों मलमास में पूजा पाठ छोड़कर शुभ कार्य जैसे शादी आदि नहीं किए जाते. तो आइये जानते हैं मलमास कब समाप्त हो रहा है.
मलमास का महत्व
जानकारी के मुताबिक, मलमास में किसी भी तरह के शुभ कार्य को नहीं किया जाता है. मान्यता है कि मलमास में पालनकर्ता भगवान विष्णु की पूजा का महत्व विशेष महत्व है. अधिक मास में अगर भक्तगण पूरे मन से भगवान विष्णु की आराधना करें तो उनकी मनोकामनाएं पूर्ण होती है.
मलमास में क्या करें
ज्योतिष शास्त्र की मानें तो एक राशि से दूसरे राशि में सूर्य के के जाने की जो पूरी प्रक्रिया होती है, उसे संक्रांति कहते हैं. सूर्य देव करीब करीब हर माह में राशि बदलते हैं. जिस माह में सूर्य अपनी राशि बदलते हैं उसे मलमास या फिर अधिक मास के तौर पर जाना जाता है. इस माह में भगवान शिव की जो भी भक्त पूरे मन से पूजा अर्चना करता है उनके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और पुण्यफल मिलता है.
ये काम नहीं होते
मलमास या अधिक मास का महीना 18 जुलाई 2023, मंगलवार से शुरू हो गया. मलमास 16 अगस्त 2023 को समाप्त हो रहा है. यानी इसका मतलब है कि 16 अगस्त तक किसी प्रकार के शुभ कार्य जैसे शादी-विवाह, मुंडन, अन्नप्राशन संस्कार, गृह प्रवेश, भूमि पूजन आदि वर्जित होते हैं.
क्या होता है मलमास
हिंदू पंचाग के अनुसार, सूर्य वर्ष 365 दिन और करीब 6 घंटे का होता है. वहीं, चंद्र वर्ष 354 दिनों का माना जाता है. ऐसे में दोनों चंद्र और सूर्य वर्षों के बीच लगभग 11 दिनों का अंतर आ जाता है. जो तीन वर्ष में 33 दिन यानि की लगभग एक महीने का हो जाता है. इसी एक अतिरिक्त महीने को मलमास कहा जाता है.
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