Nairitya Disha: घर में समृद्धि के लिए पौधे सही दिशा में रखें, जानिए किसे कहते हैं नैऋत्य दिशा
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Nairitya Disha: घर में समृद्धि के लिए पौधे सही दिशा में रखें, जानिए किसे कहते हैं नैऋत्य दिशा

Nairitya Disha: वास्तु शास्त्र के मुताबिक घर के दक्षिण-पश्चिम दिशा में पौधे नहीं रखने चाहिए. दक्षिण पश्चिम (South West) दिशा में गृहस्वामी का कमरा इस दिशा में होना चाहिए. इसके अलावा कैश काउंटर, मशीनें दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखना अच्छा माना जाता है.

Nairitya Disha: घर में समृद्धि के लिए पौधे सही दिशा में रखें, जानिए किसे कहते हैं नैऋत्य दिशा

Nairitya Disha: वास्तु शास्त्र  में सभी दिशाओं की अपनी एक ख़ास अहमियत होती है. दक्षिण-पश्चिम दिशा को ‘नैऋत्य दिशा’ भी कहते हैं. इस दिशा में खुलापन अर्थात खिड़की, दरवाजे बिल्कुल नहीं होने चाहिए. वास्तु शास्त्र के जानकारों का कहना है कि इस दिशा में पौधे नहीं रखने चाहिए. तुलसी को मां का स्थान दिया जाता है. घर में इसकी स्थापना से सुख-समृद्धि आती है. धन-धान्य का लाभ होता है. वास्तु के अनुसार तुलसी के पौधे को हमेशा उत्तर, उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा में लगाना चाहिए. मान्यता है कि इससे घर के सभी दोष दूर होते हैं. 

वास्तु के मुताबिक घर में कुछ पेड़-पौधे आपके लिए अशुभ साबित हो सकते हैं. जैसे घर के भीतर कभी भी कैक्टस का पेड़ नहीं लगाना चाहिए. मान्यता है कि कैक्टस में लगे कांटे नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करतें हैं. इसके दुष्प्रभाव के चलते घर में लड़ाई-झगड़े होने की आशंका बनी रहती है. इसी तरह घर में नींबू, मेंहदी और दूध वाले पौधों को भी लगाने से बचना चाहिए. यदि घर में रखा पौधा सूख जाए तो उसे हटा देना अच्छा माना जाता है.

क्या आपको पता  है

1. घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा में हरे पौधे नहीं रखने चाहिए. एक तो इस दिशा में सूर्य की पर्याप्त रोशनी नहीं मिल पाती और दूसरा वास्तु के नजरिए से पौधों के लिए ये जगह अशुभ मानी जाती है. दक्षिण-पश्चिम दिशा में पौधे रखने से घर में आर्थिक दिक्कतें होती है.

2. घर के दक्षिण-पश्चिम कोने को भारी और भरा हुआ रखना चाहिए. जिससे राहु ग्रह शांत रहे.

3. घर का शौचालय भी इस दिशा में नहीं होना चाहिए. इससे पितृ दोष बढ़ता है. राहु और पितृदोष की वजह से ऐसे घरों में हमेशा नकारात्मक ऊर्जा रहती है.

4. दैवीय शक्ति ईशान कोण से प्रवेश करती है. नैऋत्य कोण (पश्चिम-दक्षिण) से बाहर निकलती है. इसलिए वास्तु के जानकरों का मानना है कि दक्षिण दिशा में मंदिर बनवाने से बचना चाहिए.

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