Aaj Ka Panchang 22 May 2024: जानें बुधवार का पंचांग, देखें तिथि, ग्रह, शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय
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Aaj Ka Panchang 22 May 2024: जानें बुधवार का पंचांग, देखें तिथि, ग्रह, शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय

Aaj Ka Panchang 22 May 2024:  हिंदू पंचांग के अनुसार, आज 22 May 2024, वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि है. इस तिथि पर चंद्रमा तुला राशि में मौजूद होंगे।अगर कोई शुभ कार्य करना चाहते हैं तो राहुकाल का समय जरूर नोट कर लें.

Aaj ka Panchang

Aaj Ka Panchang 22 May 2024: हिंदू कैलेंडर में पंचांग एक जरूरी हिस्सा होता है. यह महीने की तीस तिथियों और पांच अंगों (वार, योग, तिथि, नक्षत्र और करण) से मिलकर बनता है. दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में हर प्रकार की जानकारी प्रदान करता है. आइये जानते हैं 22 May 2024 का पंचाग... 

22 मई 2024 व्रत-त्योहार-वार
 शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी 

सूर्योदय-सूर्यास्त का समय
सूर्योदय: सुबह 5:26 एएम
सूर्यास्त: शाम 7:08 पीएम

दिन-बुधवार

22 मई 2024 का शुभ मुहूर्त
वैशाख शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि: 22 मई 2024 को शाम 6 बजकर 48 मिनट तक
वरीयान योग: 22 मई 2024 को दोपहर 12 बजकर 37 मिनट तक 
स्वाती नक्षत्र: 22 मई 2024 को सुबह 7 बजकर 48 मिनट तक स्वाती नक्षत्र रहेगा, उसके बाद विशाखा नक्षत्र लग जाएगा.

राहुकाल का समय

दिल्ली: दोपहर 12:18 से दोपहर 02:00 PM
मुंबई: दोपहर 12:35 से दोपहर 02:13 PM
लखनऊ: दोपहर 12:03 से दोपहर 01:44 PM
भोपाल: दोपहर 12:16 से दोपहर 01:57 PM

चंद्रोदय-चंद्रास्त का समय 
चन्द्रोदय: 6:06 PM,22 मई 2024
चन्द्रास्त: 5:10 AM 23 मई 2024

सूर्य -सूर्य वृष राशि पर है

ग्रेगोरियन कैलेंडर के हिसाब से किसी महीने में 31 और किसी महीने में 1 दिन होते हैं. अगर हम हिंदू कैलेंडर की बात करें तो उसके हिसाब से हर माह में 1 दिन ही होते हैं, जिन्हें तिथि कहा जाता है. ये तिथियां दो पक्षों में होती हैं. इनमें से एक पक्ष को शुक्ल और एक पक्ष को कृष्ण कहा जाता है. ये 15-15 दिन के होते हैं. हिंदू कैलेंडर के हिसाब से इन तिथियों को प्रतिप्रदा, द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी और एक पक्ष की आखिरी तिथि को अमावस्या और दूसरे पक्ष की अंतिम तिथि को पूर्णिमा कहा जाता है. इन्हीं सब के आधार पर पंचांग बनता है. 

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है.  सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक पहुंचाई गई हैं. हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है. इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी. ZEE UPUK इसकी जिम्मेदारी नहीं लेगा. 

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