Aaj Ka Panchang: जानें सोमवार 10 जून का पंचांग, देखें शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय
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Aaj Ka Panchang: जानें सोमवार 10 जून का पंचांग, देखें शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय

10 June Panchang: हिंदू पंचांग के अनुसार, आज ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि है. इस चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी कहा जाता है. यह तिथि भगवान गणेश को समर्पित होती है. आज सोमवार भगवान शिव का दिन है और आज पुष्य नक्षत्र भी है. जानें सोमवार का पंचांग, राहुकाल, शुभ मुहूर्त और सूर्योदय-सूर्यास्त का समय.

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Aaj Ka Panchang 8 June 2024 : हिंदू कैलेंडर में पंचांग एक जरूरी हिस्सा होता है. यह महीने की तीस तिथियों और पांच अंगों (वार, योग, तिथि, नक्षत्र और करण) से मिलकर बनता है. दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में हर प्रकार की जानकारी प्रदान करता है. आइये जानते हैं 10 June 2024 का पंचाग...

आज का पंचांग 10 जून 2024
वार : सोमवार
आज का पक्ष : शुक्ल पक्ष

10 जून का शुभ मुहूर्त (Today Auspicious Time)
अभिजित मुहूर्त 11:54 AM से 12:50 PM
विजय मुहूर्त 02:43 PM  से 03:40 PM तक
ब्रह्म मुहूर्त 04:00 AM से 04:40 AM तक
सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग 05:19 AM से 09:40 PM  तक रहेगा.

आज का अशुभ समय( Today In Auspicious Time)
दुर्मुहूर्त 12:51 PM से 01:47 PM
राहुकाल 07:05 AM से 08:51 AM तक र
गुलिक काल 02:08 PM से 03:54 PM  तक 
भद्रा 05:19 AM से 04:14 PM तक रहेगा.

शुभ योग और नक्षत्र
10 जून 2024 को शाम 4 बजकर 49 मिनट तक ध्रुव योग.
10 जून 2024 को रात 9 बजकर 41 मिनट तक पुष्य नक्षत्र.

सूर्योदय-सूर्यास्त का समय
सूर्योदय: सुबह 5 बजकर 22 मिनट पर
सूर्यास्त: शाम 7 बजकर 18 मिनट पर

ग्रेगोरियन कैलेंडर के हिसाब से किसी महीने में 31 और किसी महीने में 1 दिन होते हैं. अगर हम हिंदू कैलेंडर की बात करें तो उसके हिसाब से हर माह में 1 दिन ही होते हैं, जिन्हें तिथि कहा जाता है. ये तिथियां दो पक्षों में होती हैं. इनमें से एक पक्ष को शुक्ल और एक पक्ष को कृष्ण कहा जाता है. ये 15-15 दिन के होते हैं. हिंदू कैलेंडर के हिसाब से इन तिथियों को प्रतिप्रदा, द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी और एक पक्ष की आखिरी तिथि को अमावस्या और दूसरे पक्ष की अंतिम तिथि को पूर्णिमा कहा जाता है. इन्हीं सब के आधार पर पंचांग बनता है. 

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है.  सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक पहुंचाई गई हैं. हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है. इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी. ZEE UPUK इसकी जिम्मेदारी नहीं लेगा. 

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