Dhanteras 2023 Shopping Shubh Muhurat: आज धनतेरस है. यूं तो आप धनतेरस पर किसी भी समय खरीदारी कर सकते हैं, लेकिन शुभ मुहूर्त पर की गई शॉपिंग का अच्छा फल मिलता है. ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, कोशिश करना चाहिए कि धनतेरस पर भी शुभ मुहूर्त पर ही खरीदारी करें.
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Dhanteras Shubh Muhurat for Shopping: आज धनतेरस का त्योहार है. इसे धनत्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है. यह त्योहार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है. धनतेरस पर भगवान धन्वंतरि, मां लक्ष्मी और धन के देवता कुबेर की पूजा का विशेष महत्व है. आज के दिन खरीदारी करना शुभ माना जाता है. धनतेरस पर लोग सोने-चांदी का सामान, बर्तन, वाहन समेत कई चीजों की खरीदारी करते हैं. वैसे तो खरीदारी के लिए धनतेरस का पूरा दिन उत्तम होगा, लेकिन आज अगर कोई शुभ मुहूर्त देखकर खरीदारी करता है तो वह वस्तु लंबे समय तक शुभ फल प्रदान करती है. ऐसे में आइये जानते हैं आज खरीदारी के लिए शुभ मुहूर्त क्या है...
धनतेरस 2023 पूजा मुहूर्त
त्रयोदशी तिथि प्रारम्भ - 10 नवंबर, 2023 को 12:35 पीएम बजे
त्रयोदशी तिथि समाप्त - 11 नवंबर, 2023 को 01:57 पीएम बजे
प्रदोष काल - 05:30 पीएम से 08:08 पीएम
वृषभ काल - 05:47 पीएम से 07:43 पीएम
पूजा का शुभ मुहूर्त: 10 नवंबर को शाम 05:47 बजे से रात 07:47 बजे तक.
धनतेरस पर खरीदारी का शुभ मुहूर्त
धनतेरस पर खरीदारी का सबसे शुभ समय 10 नवंबर को दोपहर 2:35 बजे से 11 नवंबर को दोपहर 1:57 बजे तक.
खरीदारी का उत्तम समय: 06:40 एएम से 01:57 पीएम, 11 नवंबर
धनत्रयोदशी में व्याप्त शुभ चौघड़िया मुहूर्त
अपराह्न मुहूर्त (चर) - 04:09 पीएम से 05:30 पीएम
अपराह्न मुहूर्त (शुभ) - 12:35 पीएम से 01:26 पीएम
रात्रि मुहूर्त (लाभ) - 08:48 पीएम से 10:26 पीएम
रात्रि मुहूर्त (शुभ, अमृत, चर) - 12:05 ए एम से 05:01 एएम, नवंबर 11
क्यों मनाया जाता है धनतेरस?
धनतेरस का दिन धन्वंतरि त्रयोदशी या धन्वंतरि जयंती, जो कि आयुर्वेद के देवता का जन्मदिवस के रूप में भी मनाया जाता है. मान्यता है कि भगवान धन्वंतरि विष्णु के अंशावतार हैं. शास्त्रों में कहा गया है कि संसार में चिकित्सा विज्ञान के विस्तार और प्रसार के लिए ही भगवान विष्णु ने धन्वंतरि का अवतार लिया. भगवान धन्वंतरि के प्रकट होने के उपलक्ष्य में ही धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है. मान्यताओं के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान जब भगवान धन्वंतरि प्रकट हुए थे, उस समय उनके हाथों में अमृत कलश था. उस दिन कार्तिक मास की त्रयोदशी थी. इस वजह से हर साल इस दिन को धनतेरस के रूप में मनाया जाने लगा. परंपरा के अनुसार इस दिन सोने-चांदी के आभूषण और घरों के लिए बर्तन खरीदे जाते हैं.
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