Devshayani Ekadashi 2024: हिंदू पंचांग के अनुसार हर महीने दो एकादशी आती हैं. हर एकादशी व्रत का महत्व होता है लेकिन इसमें देवशयनी एकादशी का विशेष महत्व माना गया है. आइए जानते हैं 2024 में यह कब है और इसका महत्व क्या है.
Trending Photos
Devshayani Ekadashi 2024: दिसंबर का आखिरी सप्ताह नजदीक है, नये साल की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार हर महीने दो एकादशी आती हैं. नए साल यानी 2024 में कुल 24 एकादशी होंगी. वैसे तो हर एकादशी व्रत का महत्व होता है लेकिन इसमें देवशयनी एकादशी का विशेष महत्व माना गया है. यह हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को होती है.
इसको हरिशयनी एकादशी, आषाढ़ी एकादशी, पद्मनाभा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से नर्क में नहीं जाना पड़ता, वह यमलोक की यातनाओं से मुक्त होकर बैकुंठ धाम को जाता है. इस दिन भगवान विष्णु चार महीने के लिए शयनकाल में चले जाते हैं. इसी तिथि से चातुर्मास लग जाता है और इस दौरान कोई भी मांगलिक काम नहीं होते हैं. आइए जानते हैं 2024 में देवशयनी एकादशी कब है, इसका शुभ मुहूर्त और महत्व क्या है.
2024 में कब है देवशायनी एकादशी (Devshayani Ekadashi 2024 Date, Shubh Muhurat)
हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 16 जुलाई 2024 को रात 8 बजकर 33 मिनट से शुरू हो हो रही है जो अगले दिन यानी 17 तारीख को रात 9 बजकर 2 मिनट तक रहेगी. उदयातिथि के अनुसार यह व्रत 17 जुलाई 2024 को रखा जाएगा. विष्णु जी की पूजा का समय सुबह 6 बजकर 12 मिनट से 9 बजकर 20 मिनट तक है.
देवशायनी एकादशी का महत्व
मान्यता है कि देवशयनी एकादशी पर भगवान विष्णु चार महीने के लिए पाताल में राजा बलि के यहां योगनिद्रा में रहते हैं और कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी यानी देवउठनी एकादशी को जागते हैं. कहा जाता है कि देवशयनी एकादशी के बाद अगले चार महीने तक सूर्य, चंद्रमा और प्रकृति का तेजस तत्व कम हो जाता है. इसलिए कहते हैं कि देवशयन हो गया. शुभ शक्तियों के कमजोर होने पर किए गए कार्यों के परिणाम भी शुभ नहीं आते हैं. इसीलिए चातुर्मास के दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए. मान्यता है कि देवशयनी एकादशी का व्रत करने से दुर्घटनाओं के योग टल जाते हैं.
Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. Zeeupuk इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.