Budhwar Ke Upay: बुधवार को करें इस चमत्कारिक स्तोत्र का पाठ, बप्पा का आशीर्वाद सदा रहेगा साथ
Advertisement

Budhwar Ke Upay: बुधवार को करें इस चमत्कारिक स्तोत्र का पाठ, बप्पा का आशीर्वाद सदा रहेगा साथ

आज पौष मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि है. आज दिन बुधवार है. हिंदू धर्म में यह दिन पार्वती पुत्र गणेश को समर्पित है. इस दिन लोग प्रथम पूज्य गणपति की अराधना करते हैं. मान्यता है कि अगर गणेश भगवान किसी से प्रसन्न हो जाएं, तो उन्हें विशेष आशीर्वाद देते हैं.

Budhwar Ke Upay

Budhwar Ke Upay: आज पौष मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि है. आज दिन बुधवार है. हिंदू धर्म में यह दिन पार्वती पुत्र गणेश को समर्पित है. इस दिन लोग प्रथम पूज्य गणपति की अराधना करते हैं. मान्यता है कि अगर गणेश भगवान किसी से प्रसन्न हो जाएं, तो उन्हें विशेष आशीर्वाद देते हैं. उनकी कृपा से जातक के जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं. अगर आप भी गणपति का आशीर्वाद पाना चाहते हैं, तो पूजा के दौरान श्री गणपति स्तोत्रम् का पाठ करें. ऐसा करने से आपके जीवन में सुख-संपत्ति, धन-वैभव की प्राप्ति होती है.

॥ श्री गणपति स्तोत्रम् ॥
जेतुं यस्त्रिपुरं हरेणहरिणा व्याजाद्बलिं बध्नता
स्रष्टुं वारिभवोद्भवेनभुवनं शेषेण धर्तुं धराम्।
पार्वत्या महिषासुरप्रमथनेसिद्धाधिपैः सिद्धये
ध्यातः पञ्चशरेण विश्वजितयेपायात्स नागाननः॥1॥
विघ्नध्वान्तनिवारणैकतरणि-र्विघ्नाटवीहव्यवाड्
विघ्नव्यालकुलाभिमानगरुडोविघ्नेभपञ्चाननः।
विघ्नोत्तुङ्गगिरिप्रभेदन-पविर्विघ्नाम्बुधेर्वाडवो
विघ्नाघौधघनप्रचण्डपवनोविघ्नेश्वरः पातु नः॥2॥
खर्वं स्थूलतनुं गजेन्द्रवदनंलम्बोदरं सुन्दरं
प्रस्यन्दन्मदगन्धलुब्धम-धुपव्यालोलगण्डस्थलम्।
दन्ताघातविदारितारिरुधिरैःसिन्दूरशोभाकरं
वन्दे शैलसुतासुतं गणपतिंसिद्धिप्रदं कामदम्॥3॥
गजाननाय महसेप्रत्यूहतिमिरच्छिदे।
अपारकरुणा-पूरतरङ्गितदृशे नमः॥4॥
अगजाननपद्मार्कंगजाननमहर्निशम्।
अनेकदन्तं भक्तानामेक-दन्तमुपास्महे॥5॥
श्वेताङ्गं श्वेतवस्त्रं सितकु-सुमगणैः पूजितं श्वेतगन्धैः
क्षीराब्धौ रत्नदीपैः सुरनर-तिलकं रत्नसिंहासनस्थम्।
दोर्भिः पाशाङ्कुशाब्जा-भयवरमनसं चन्द्रमौलिं त्रिनेत्रं
ध्यायेच्छान्त्यर्थमीशं गणपति-ममलं श्रीसमेतं प्रसन्नम्॥6॥
आवाहये तं गणराजदेवंरक्तोत्पलाभासमशेषवन्द्यम्।
विघ्नान्तकं विघ्नहरं गणेशंभजामि रौद्रं सहितं च सिद्धया॥7॥
यं ब्रह्म वेदान्तविदो वदन्तिपरं प्रधानं पुरुषं तथान्ये।
विश्वोद्गतेः कारणमीश्वरं वातस्मै नमो विघ्नविनाशनाय॥8॥
विघ्नेश वीर्याणि विचित्रकाणिवन्दीजनैर्मागधकैः स्मृतानि।
श्रुत्वा समुत्तिष्ठ गजानन त्वंब्राह्मे जगन्मङ्गलकं कुरुष्व॥9॥
गणेश हेरम्ब गजाननेतिमहोदर स्वानुभवप्रकाशिन्।
वरिष्ठ सिद्धिप्रिय बुद्धिनाथवदन्त एवं त्यजत प्रभीतीः॥10॥
अनेकविघ्नान्तक वक्रतुण्डस्वसंज्ञवासिंश्च चतुर्भुजेति।
कवीश देवान्तकनाशकारिन्वदन्त एवं त्यजत प्रभीतीः॥11॥
अनन्तचिद्रूपमयं गणेशंह्यभेदभेदादिविहीनमाद्यम्।
हृदि प्रकाशस्य धरं स्वधीस्थंतमेकदन्तं शरणम् व्रजामः॥12॥
विश्वादिभूतं हृदि योगिनां वैप्रत्यक्षरूपेण विभान्तमेकम्।
सदा निरालम्बसमाधिगम्यंतमेकदन्तं शरणम् व्रजामः॥13॥
यदीयवीर्येण समर्थभूता मायातया संरचितं च विश्वम्।
नागात्मकं ह्यात्मतया प्रतीतंतमेकदन्तं शरणम् व्रजामः॥14॥
सर्वान्तरे संस्थितमेकमूढंयदाज्ञया सर्वमिदं विभाति।
अनन्तरूपं हृदि बोधकं वैतमेकदन्तं शरणम् व्रजामः॥15॥
यं योगिनो योगबलेन साध्यंकुर्वन्ति तं कः स्तवनेन नौति।
अतः प्रणामेन सुसिद्धिदोऽस्तुतमेकदन्तं शरणम् व्रजामः॥16॥
देवेन्द्रमौलिमन्दार-मकरन्दकणारुणाः।
विघ्नान् हरन्तुहेरम्बचरणाम्बुजरेणवः॥17॥
एकदन्तं महाकायंलम्बोदरगजाननम्।
विघ्ननाशकरं देवंहेरम्बं प्रणमाम्यहम्॥18॥
यदक्षरं पदं भ्रष्टंमात्राहीनं च यद्भवेत्।
तत्सर्वं क्षम्यतां देवप्रसीद परमेश्वर॥19॥

॥ इति श्रीगणपतिस्तोत्रं सम्पूर्णम् ॥

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है.  सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक पहुंचाई गई हैं. हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है. इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी. ZEE UPUK इसकी जिम्मेदारी नहीं लेगा. 

 

Trending news