महाकुंभ में खोई पिंकी मिनटों में अपने परिवार से मिली, सीता-गीता जैसी फिल्मी कहानी से दूर तुरंत मिली मदद
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महाकुंभ में खोई पिंकी मिनटों में अपने परिवार से मिली, सीता-गीता जैसी फिल्मी कहानी से दूर तुरंत मिली मदद

Prayagraj News: प्रयागराज महाकुंभ में बिछड़े लोगों को मिलाने के लिए महाकुंभ मेला प्रशासन ने अच्छी व्यवस्था की है. महाकुंभ पहुंचे श्रद्धालुओं की सहायता के लिए मेला प्रशासन ने शिविर बनाए है. 

Mahakumbh Mela 2025

Prayagraj Mahakumbh Nagar News: प्रयागराज महाकुंभ में स्नान करने आए श्रद्धालुओं की मदद के लिए बनाए गए भूला भटका शिविर से लगातार इस तरह की घोषणाएं सुनाई देती रहती है. पौष पूर्णिमा स्नान पर्व के दिन सोमवार को घाटों के किनारे लगे लाउडस्पीकर से लगातार ये आवाजें सुनाई देती रहीं जिससे उन लोगों को काफी राहत मिली जो मेले में भीड़ के कारण अपने साथ आए लोगों से बिछड़ जाते है. महाकुंभ के पहले स्नान पर्व पौष पूर्णिमा पर संगम तट से लेकर सभी घाटों पर इसी तरह की आवाजें सुनाई देती रहीं इस अनाउंसमेंट के थोड़ी देर बाद अपनों से बिछड़ गए लोग फिर मिल जाते हैं. 

प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बनाया शिविर
महाकुंभ मेला प्रशासन ने मेला में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए भूले भटके लोगों के लिए शिविर और भूली भटकी महिलाओं और बच्चों के शिविर बनाया है. पौष पूर्णिमा के स्नान पर जुटी भीड़ के दौरान परिवार से बिछड़ने वाले लोगों के लिए ये शिविर मददगार साबित होते रहे है. स्नान पर्व के दौरान लगातार भूले भटके लोगों के नामों की लाउडस्पीकर के माध्यम से घोषणा होती रहती है. सभी घाटों पर इस तरह के शिविर बनाए गए हैं और बड़ी संख्या में लाउड स्पीकर स्थापित किए गए हैं, जिससे दूर-दूर तक और पूरी अच्छे से आवाज लोगों तक पहुंच रही है. इन अनाउंसमेंट को सुनकर लोग अपनों तक तुरंत पहुंच जाते है उनकी मदद को घाटों पर तैनात पुलिस बल भी पूरी तरह से उनकी मदद कर रहा है. 

श्रद्धालुओं के लिए खोया-पाया केंद्र भी बनाया 
सामाजिक एकता के महापर्व महाकुंभ के पहले स्नान पर्व पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की संख्या संगम में डुबकी लगाने पहुंची. पूरे देश और पूरी दुनिया से संगम में डुबकी लगाने पहुंचे. महाकुंभ जैसे बड़े आयोजनों में लोगों का बिछड़ना आम बात होती है इस व्यवस्था को सही करने के लिए मेला प्रशासन की ओर से घाटों पर ही इसकी व्यवस्था अच्छे से की गई है. इसके बावजूद यदि कोई अपने परिवारों से बिछड़ जाता है उनके लिए खोया-पाया केंद्र भी बनाए गए हैं जहां डिजिटल और सोशल मीडिया टूल्स की मदद से लोगों को खोजने के प्रयास होते हैं. 

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