UP Nagar Nikay Chunav 2022 : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया है कि अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण के बिना निकाय चुनाव नहीं कराए जाएंगे.
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UP Nagar Nikay Chunav 2022 : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नगरीय निकाय चुनाव को लेकर यूपी सरकार की स्थिति स्पष्ट कर दी है. सीएम योगी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के फैसले के बाद मंगलवार को कहा कि सामान्य निर्वाचन को ध्यान में रखते हुए आयोग गठित किया जाएगा. ट्रिपल टेस्ट के आधार पर अन्य पिछड़ा वर्ग के नागरिकों को आरक्षण की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. इसके बाद ही नगरीय निकाय चुनाव कराए जाएंगे. अगर जरूरी हुआ तो राज्य सरकार हाईकोर्ट के निर्णय को ध्यान में रखते हुए तमाम कानूनी पहलुओं पर विचार करेगी और सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर करेगी.
नगर विकास विभाग के मंत्री एके शर्मा ने भी कहा कि हम ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया को पूरा करके ओबीसी वर्ग को आरक्षण दिलाएंगे.जरूरत पड़ेगी तो सुप्रीम कोर्ट जाएंगे. ओबीसी के आरक्षण के बिना यूपी में निकाय चुनाव नहीं होगा.
ये दुर्भाग्य है कि पिछड़ो का हक़ छीना जा रहा है, भाजपा अगर सत्ता में रही तो बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर जी ने जो अधिकार दिए हैं, उन अधिकारों को धीरे धीरे छीन लिया जाएगा। भाजपा आरक्षण विरोधी है, पिछड़ा विरोधी है और दलित विरोधी है।
-मा. राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव जी pic.twitter.com/ykmOomVK0x
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) December 27, 2022
इससे पहले हाईकोर्ट के फैसले के बाद विपक्षी दलों ने सरकार पर हमले शुरू कर दिए हैं. समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने भाजपा को पिछड़ा विरोधी औऱ संविधान विरोधी बताया है. उन्होंने कहा कि ये दुर्भाग्य है कि पिछड़ों का हक छीना जा रहा है.
उत्तर प्रदेश सरकार नगरीय निकाय सामान्य निर्वाचन के परिप्रेक्ष्य में एक आयोग गठित कर ट्रिपल टेस्ट के आधार पर अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के नागरिकों को आरक्षण की सुविधा उपलब्ध कराएगी।
इसके उपरान्त ही नगरीय निकाय सामान्य निर्वाचन को सम्पन्न कराया जाएगा।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) December 27, 2022
वहीं सपा नेता और पूर्व मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने भी ट्वीट किया. उन्होंने कहा कि OBC आरक्षण की समाप्ति दुर्भाग्यपूर्ण है. सामाजिक न्याय की लड़ाई हम कमजोर नहीं होने दे सकते. ओबीसी आरक्षण के लिए जितना बड़ा आंदोलन करना पड़ा था, समाजवादी पार्टी उससे भी बड़ा आंदोलन करने के लिए तैयार है. समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता इसके लिए तैयार हैं.
नगरीय निकाय चुनाव के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद के आदेश का विस्तृत अध्ययन कर विधि विशेषज्ञों से परामर्श के बाद सरकार के स्तर पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा,परंतु पिछड़े वर्ग के अधिकारों को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाएगा!
— Keshav Prasad Maurya (@kpmaurya1) December 27, 2022
इससे पहले यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट कर कहा था कि सरकार इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के फैसले को ध्यान में रखकर कानूनी विचार विमर्श करेगी. इसके बाद ही कोई निर्णय़ लिया जाएगा.
1. यूपी में बहुप्रतीक्षित निकाय चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग को संवैधानिक अधिकार के तहत मिलने वाले आरक्षण को लेकर सरकार की कारगुजारी का संज्ञान लेने सम्बंधी माननीय हाईकोर्ट का फैसला सही मायने में भाजपा व उनकी सरकार की ओबीसी एवं आरक्षण-विरोधी सोच व मानसिकता को प्रकट करता है। 1/2
— Mayawati (@Mayawati) December 27, 2022
बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी हाईकोर्ट के आदेश को लेकर बीजेपी पर हमला बोला है. उनका कहना है कि उच्च न्यायालय का निर्णय बीजेपी की पिछड़ा वर्ग विरोधी मानसिकता को दर्शाता है. बीजेपी सरकार को ट्रिपल टेस्ट के आधार पर ही पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण का फैसला करना था.
उत्तर प्रदेश के नगरीय निकाय चुनाव में विधि सम्मत तरीके से प्रत्येक वर्ग और समुदाय की सहभागिता सुनिश्चित करते हुए इसे समय पर संपन्न कराना हमारी शीर्ष प्राथमिकता है।
प्रत्येक समुदाय व वर्ग के अधिकारों के संरक्षण हेतु भाजपा प्रतिबद्ध है। किसी के साथ कोई भी अन्याय नहीं होगा।
— Bhupendra Singh Chaudhary (@Bhupendraupbjp) December 27, 2022
हालांकि विपक्ष की आलोचनाओं को खारिज करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी का कहना है कि निकाय चुनाव में किसी वर्ग के साथ कोई अन्याय नहीं होने दिया जाएगा. सभी वर्गों को आरक्षण में प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जाएगा.
योगी सरकार के मंत्री डॉ. संजय निषाद ने कहा कि आरक्षण के लिए उच्च न्यायालय फैसले का निषाद पार्टी सम्मान करती है. हम आरक्षण के संबंध में विधि विशेषज्ञों की राय ले रहे हैं. निषाद पार्टी शुरू से ही आरक्षण की विसंगतियों को दूर करने के पक्ष में रही है. अपना दल(एस) ने कहा था कि अगर ओबीसी आरक्षण खत्म करके चुनाव कराए जाएंगे तब इस फैसले के खिलाफ उनकी पार्टी सुप्रीम कोर्ट जाएगी.
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