"बदल रही पूर्वांचल की तस्वीर", उड़ान-डेयर टू ड्रीम सम्मेलन में काशी से बोलीं केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल
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"बदल रही पूर्वांचल की तस्वीर", उड़ान-डेयर टू ड्रीम सम्मेलन में काशी से बोलीं केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल

केंद्रीय मंत्री और मिर्जापुर से सांसद अनुप्रिया पटेल ने कहा है कि पूर्वांचल में मिर्जापुर से लेकर बनारस तक बदलाव दिख रहा है. अनुप्रिया पटेल जी यूपी उत्तराखंड की ओर से काशी में आयोजित उड़ान 'डेयर टू ड्रीम' कानक्लेव में बोल रही थीं.

Anupriya Patel

वाराणसी: केंद्रीय मंत्री और मिर्जापुर से सांसद अनुप्रिया पटेल ने कहा है कि पूर्वांचल की तस्वीर बदल रही है और मिर्जापुर से लेकर बनारस तक ये बदलाव दिख रहा है.  जी यूपी उत्तराखंड (Zee Uttar Pradesh Uttarakhand) की ओर से गुरुवार को काशी में आयोजित उड़ान 'डेयर टू ड्रीम' कानक्लेव में ये बात कही. 

जी यूपी उत्तराखंड एडिटर रमेश चंद्रा ने आगामी नगर निकाय चुनाव को केंद्रीय मंत्री से सवाल किया कि अपना दल की भागीदारी इसमें किस प्रकार की होगी, बीजेपी के साथ या खुद के जनाधार पर. क्या इसे मिशन 2024 के पहले टेस्ट माना जाए.  इस पर अनुप्रिया पटेल ने कहा, हर चुनाव का अपना स्वरूप होता है, म्यूनिसिपल इलेक्शन गली-मोहल्ले की समस्याओं पर आधारित होते हैं. प्रदेश या देश के चुनाव की मानसिकता अलग होती है. एक चुनाव को दूसरे चुनाव का निर्णायक फैक्टर मैं नहीं मानती. बीजेपी सहयोगी दल है. निकाय चुनाव बीजेपी के साथ लड़ना है या नहीं. इस पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है. अलग-अलग लड़ना है तो भी लड़ लेंगे और साथ में भी चुनाव के लिए तैयार हैं.अभी अपना दल का एक महीने लंबा सदस्यता अभियान समाप्त हुआ है, इसमें एक करोड़ सदस्यों को जोड़ा गया है.  

अपना दल ने एक करोड़ सदस्यों को जोड़ा
अनुप्रिया पटेल से पूछा गया कि एक करोड़ सदस्यों को जोड़ने और स्टेट पॉलिटिकल पार्टी का दर्जा मिला है. अपना दल प्रदेश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में सामने आई है. लेकिन क्या लोकसभा 2024 में दो सीटों से आगे बात बढ़ेगी. इस पर पटेल ने कहा, तीसरी सबसे बड़ी पार्टी का दर्जा हमारे लाखों कार्यकर्ताओं के संघर्ष का नतीजा है. राजनीतिक दल को आगे बढ़ने में बहुत धैर्य रखना पड़ता है. हम उत्तर प्रदेश से संसद तक पहुंचे हैं. विधानसभा चुनाव में हमारी सीटों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. फिलहाल 2024 में सीटों के बंटवारे को लेकर कोई भी टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी. 

2024 में पीएम पद की वैंकेंसी खाली नहीं
अनुप्रिया पटेल ने अगले लोकसभा चुनाव को लेकर दोहराया कि 2024 में वैकैंसी नहीं है, देश में प्रधानमंत्री पद की वैकेंसी अभी खाली नहीं है. जनता के मन में पीएम मोदी का विशेष स्थान है. उनकी जगह कोई और लेता नहीं दिखता है.मोदी सरकार की गरीब कल्याण योजनाओं को सराहा गया है. बुनियादी ढांचे के विकास कार्यों का असर हर जगह दिख रहा है. 2047 में आजादी के 100 साल पूरे होने पर देश कैसा दिखे, इसको लेकर मोदी सरकार काम कर रही है. विपक्ष टुकड़े-टुकड़े है. विपक्ष के पास देश के विकास लिए कोई ब्लूप्रिंट नहीं है. पूरे विपक्ष को साथ लेकर चलने वाला कोई नेता नजर नहीं आ रहा है. इस आधार पर कहा जाए तो विपक्ष विकल्पहीन है. 

मिर्जापुर में अब मेडिकल कॉलेज से लेकर केंद्रीय विद्यालय तक
केंद्रीय मंत्री और मिर्जापुर से सांसद के तौर पर संसदीय क्षेत्र की 4 बड़ी उपलब्धियों के सवाल पर पटेल ने कहा, 2016 में केंद्र में स्वास्थ्य राज्य मंत्री बनने के बाद जिले में मेडिकल कॉलेज बनकर तैयार है, एमबीबीएस सेकेंड बैच पढ़ाई कर रहा है. केंद्रीय विद्यालय भी बनवाया.नेशनल हाईवे फोर लेन करवाया.पासपोर्ट ऑफिस भी खुलवाया है. केंद्रीय मंत्री ने कहा, 2021 में वाणिज्य मंत्रालय में राज्य मंत्री बनने के बाद मैंने मिर्जापुर, भदोही, वाराणसी औऱ आसपास के अन्य जिलों के स्थानीय उत्पादों जैसे कालीन, हस्तशिल्प का निर्यात बढ़ाने की ओर जोर दिया है. कालीन और अन्य हस्तशिल्प उत्पादों का 1000 करोड़ का बिजनेस है. 500 करोड़ के ऑर्डर हाल ही में मिले हैं.

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एक्सपोर्ट फैसिलटेशन सेंटर भी बना
केंद्रीय मंत्री ने कहा,निर्यात में आसानी के लिए एक्सपोर्ट फैसिलटेशन सेंटर तैयार कराया है. ट्रेनों के कंटेनरों से बंदरगाह तक सामान पहुंचाने के लिए रेलवे स्टेशन पर व्यवस्था कराई है. इससे बनारस, गाजीपुर, चंदौली समेत पूरे पूर्वांचल में ट्रांसपोर्ट बेहतर होगा. क्षेत्र के पीतल कारोबारियों को भी एक्सपोर्ट प्रमोशन का लाभ मिलेगा. चुनार में 7000 वर्गमीटर में लॉजिस्टिक पार्क का शिलान्यास भी करवाया है. 

कृषि उत्पादों का भी निर्यात बढ़ेगा
कृषि आधारित जीविकोपार्जन पर निर्भरता के साथ पूर्वांचल की दशा और दिशा में आमूलचूल परिवर्तन न होने के सवाल पर केंद्रीय मंत्री ने कहा, हमने कृषि उत्पादों के निर्यात के लिए बुनियादी ढांचा और लॉजिस्टिक पर काम किया है. स्टार्टअप भी आगे आ रहे हैं. बुंदेलखंड से 82 स्टार्टअप आना इसका उदाहरण हैं. 

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