'एक-एक सीट के 25 लाख'... विधानसभा सत्र के पहले यूपी के मंत्री पर सपा विधायक ने फोड़ा बम, मंत्री का करारा जवाब
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'एक-एक सीट के 25 लाख'... विधानसभा सत्र के पहले यूपी के मंत्री पर सपा विधायक ने फोड़ा बम, मंत्री का करारा जवाब

UP Politics:  उत्तर प्रदेश विधानसभा शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो रहा है. इससे पहले सपा विधायक पल्लवी पटेल ने यूपी कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. जिस पर मंत्री ने पलटवार किया है.

ashish patel pallavi patel file photo

UP Politics: यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री और अपना दल कार्यकाली प्रमुख आशीष पटेल पर सपा विधायक पल्लवी पटेल ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. इस पर आशीष पटेल ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर पलटवार किया है. आशीष पटेल ने कहा कि मीडिया और सोशल मीडिया पर मेरी राजनीतिक हत्या करने के लिए साज़िश के तहत तथ्यहीन और अनर्गल आरोप लगाए जा रहे हैं.

सीबीआई जांच के लिए तैयार
मंत्री आशीष पटेल ने कहा कि मेरे  मंत्री रहते वंचित वर्ग के कर्मचारियों के लिए हितों की रक्षा के बारे में पूरे प्रदेश को मालूम है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहें तो आरोपों की सीबीआई जांच करा सकते हैं. मैंने मंत्री रहते अब तक जो भी फैसले लिए हैं, उनकी भी जांच कराई जा सकती है. मैं ऐसे झूठे आरोपों से डरने वाला नहीं हूं. अपना दल एस वंचितों के हक की लड़ाई लड़ता रहेगा.

'..एक सेकंड में दे दूंगा इस्तीफा'
आशीष पटेल ने कहा, "सामाजिक न्याय की जंग के लिए अपना दल एस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2014 में एनडीए के साथ आया था. प्रधानमंत्री जिस दिन आदेश करेंगे. बिना एक सेकंड की देरी किए मैं मंत्री पद से इस्तीफा दे दूंगा. आगे कहा कि सब को पता है कि इसके पीछे कौन है आगे और भी ऐसे आरोप लगेंगे."

पल्लवी पटेल के क्या हैं आरोप?
पल्लवी पटेल ने प्राविधिक शिक्षा विभाग में एचओडी के पदों पर नियुक्ति में हेरफेर का आरोप लगाया है. आरोप है कि मौजूदा सेवा नियमावली की जगह पुरानी नियमावली के आधार पर भर्ती कर घोटाला किया गया.  2017 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से उत्तर प्रदेश चयन सेवा आयोग के तहत भर्ती होती है लेकिन अभ्यर्थियों की हकमारी कर पदोन्नति के आधार पर पद भर दिए गए. 

25 लाख रुपये धन उगाही का आरोप
आरोप है कि इसके लिए प्रत्येक व्यक्ति से 25 - 25 लाख रुपए की धनउगाही की गई. नई नियमावली के तहत भर्ती की योग्यता प्रासंगिक क्षेत्र में Ph.D. और 12 वर्षों का अनुभव या M.Tech और 15 वर्षों का अनुभव था. तब ये 13 पे लेवल पे नियुक्त किए जाते हैं. लेकिन भ्रष्टाचार के माध्यम से पे लेवल 10 के लोगों को पे लेवल 13 पे नियुक्त कर दिया है.

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