UP Police का आरक्षी बना SDM: दीपक का कहना है कि पुलिस में नौकरी के साथ पीसीएस की पढ़ाई के लिए उन्हें सिर्फ 4 से 5 घंटे ही मिला करते थे. वह किराए के 10*10 के कमरे में रहकर पढ़ाई करते थे.
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हरदोई/आशीष द्विवेदी: हर किसी को सपने देखने चाहिए. सपने भी बड़े ही होने चाहिए ताकि जब वो साकार हों तो हर कोई कह सके कि वाह! क्या बात है. कुछ ऐसा ही कर दिखाया है यूपी के हरदोई में पुलिस विभाग में तैनात आरक्षी दीपक सिंह ने. दीपक ने UPPSC से पीसीएस की परीक्षा उत्तीर्ण कर प्रदेश में 20वीं रैंक हासिल की है. पुलिस विभाग में आरक्षी के पद तैनात दीपक सिंह अपनी ड्यूटी के बाद नियमित तौर पर चार से पांच घंटे पढ़ाई करते थे. वह अपनी कामयाबी का श्रेय माता-पिता और अपने साथियों को देते हैं, जिन्होंने पढ़ाई जारी रखने के लिए उन्हें प्रेरित किया.
पिता हैं किसान
दीपक सिंह बाराबंकी के छोटे से गांव सेमराय के रहने वाले हैं. उनके पिता अशोक कुमार सिंह किसान हैं और माता गृहणी हैं. वह पांच भाई-बहनों में दूसरे नंबर पर आते हैं. दीपक बताते हैं कि उनके गांव व परिवार में वह पहले ऐसे शख्स हैं, जिन्होंने सरकारी नौकरी पाई और अधिकारी बन गए. उनके अधिकारी बनने की खबर से परिवार की खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा. उनके घर पर बधाई देने वालों का तांता लग गया. दीपक ने पीसीएस की परीक्षा में 20वीं रैंक हासिल कर डिप्टी कलेक्टर का पद हासिल किया है. दीपक ने वर्ष 2018 में उत्तर प्रदेश पुलिस में आरक्षी के पद पर नियुक्ति पाई थी. उनकी पहली पोस्टिंग हरदोई में ही हुई थी. तब से वह यहीं पुलिस विभाग में सेवाएं दे रहे हैं. वर्तमान समय में दीपक सिंह पुलिस लाइन में तैनात हैं. वह बखूबी अपनी ड्यूटी को भी निभाते थे.
लक्ष्य से नहीं भटके
दीपक सिंह बताते हैं कि कहीं वह अपने लक्ष्य से भटक ना जाएं, इसके लिए उन्होंने अपने बिस्तर के पास एक व्हाइट बोर्ड रख लिया था. जिस पर परमानेंट मार्कर से एसडीएम लिखा था. जैसे ही वह सोने जाते तो उन्हें बोर्ड देखकर अपने एसडीएम बनने का लक्ष्य याद रहता. सुबह उठते ही बोर्ड को देखकर लक्ष्य प्राप्ति में जुट जाते थे. दीपक ने इस सफलता के लिए ईश्वर, माता-पिता दोस्तों को श्रेय दिया है. जिन्होंने कहीं ना कहीं किसी ना किसी मोड़ पर उनके इस मुकाम को हासिल करने में मदद की.
सफलता के टिप्स
दीपक का कहना है कि पुलिस में नौकरी के साथ पीसीएस की पढ़ाई के लिए उन्हें सिर्फ 4 से 5 घंटे ही मिला करते थे. जिसमें वह किराए के 10*10 के कमरे में रहकर पढ़ाई करते थे. इसके अलावा पुलिस लाइन में बनी लाइब्रेरी में भी पढ़ाई करते थे. दीपक ने अन्य प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्रों से कहा कि सबसे पहले अपने लक्ष्य को सेट करें. सपने बड़े होंगे तो उन्हें पूरा करने की जिद खुद ही सफलता लेकर आपके पास आएगी.