Ayodhya Ram Mandir Update: भगवान श्री राम की जन्म भूमि अयोध्या में राम लला के अलावा 33 करोड़ देवी- देवताओं के दर्शन होंगे. राम लला के भव्य मंदिर के खंभों में 6000 से अधिक रामलला की प्रतिमाएं बनाई जाएंगी. जानें और क्या होगा खास?...
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Lucknow: अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर का निर्माण कार्य तेज गती से किया जा रहा है. जल्द ही भगवान राम मूल गर्भ गृह में विराजमान हो जाएंगे. इसको लेकर तैयारियां शुरु हो गई हैं. 22 जनवरी को 50 साल बाद भगवान श्रीराम अपने नव्य-भव्य मंदिर में विराजमान होंगे. देश ही नहीं दुनियाभर में फैले करोड़ों सनातनियों की आस्था भगवान श्रीराम के मंदिर से जुड़ी है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट के रूप में अयोध्या में मंदिर संग्रहालय के निर्माण को लेकर भी कवायद तेज हो गई है. इस संग्रहालय के आकार लेते ही अयोध्या में केवल श्रीराम का भव्य मंदिर ही आस्थावानों के केंद्र में नही होंगा, बल्कि मंदिर संग्रहालय के जरिए भारत के सभी प्राचीन बड़े मंदिरों के दर्शन भी अयोध्या में हो सकेंगे.
मशहूर वास्तुकार वृंदा सुमाया कर रहे देखरेख
अयोध्या में देशभर के मंदिरों की गौरवगाधा को प्रदर्शित करने वाला विशाल संग्रहालय बनाया जा रहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर मंदिर संग्रहालय का निर्माण प्रभु श्रीराम की नगरी आयोध्या में किया जाना है. सरयू किनारे तकरीबन 50 एकड़ में बनने वाले मंदिर संग्रहालय के लिए जमीन की तलाश तेज हो गई है. मंदिर संग्रहालय का निर्माण देश की मशहूर वास्तुकार वृंदा सुमाया की देखरेख में होगा. हाल ही में सुमाया और उनकी टीम ने सरयू तट पर जमथरा में चिह्नित तीन स्थलों और रामपुर हलवारा में चिह्नित एक स्थल का जायजा लिया. इन चिह्नित स्थलों में से एक स्थल का चयन मंदिर संग्रहालय के निर्माण के लिए किया जाएगा.
युवाओं के लिए होगी खास तैयारी
भारतीय मंदिरों का महात्म्य और उनकी शानदार वास्तुकला को दर्शाने वाले इस विशिष्ट संग्रहालय का निर्माण करने के पीछे योगी सरकार की मंशा है कि इनके जरिए सनातन संस्कृति के महत्व से दुनिया खासकर युवाओं को परिचित कराया जाए. इसमें प्राचीन भारत की टेक्नोलॉजी के साथ ही पूजा-पद्धति और उनके महत्व को सामने लाया जाएगा. मंदिरों साथ ही विकसित हुए प्राचीन भारतीय शैक्षणिक संस्थान, जिसमें मठ और पीठम शामिल हैं, मंदिरों की उत्कृष्ट वास्तुशैलियों को प्रदर्शित किया जाएगा. इस संग्रहालय के जरिए भारतीय मंदिरों की बेमिसाल स्थापत्य विरासत से दुनिया को परिचित कराया जाएगा.
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मंदिरों का संपूर्ण दर्शन 12 दीर्घाओं में दिखेगा
मंदिर संग्रहालय 12 दीर्घाओं में होगा. ये दीर्घाएं अपनी सहज कलात्मकता से आगंतुकों को मंत्रमुग्ध कर देंगी. ये दीर्घाएं मंदिरों के वैज्ञानिक और दार्शनिक पहलू के साथ ही गर्व और श्रद्धा की भावना भी जगाएंगी. इनमें सनातन धर्म में भगवान की अवधारणा, पूजा पद्धति के पीछे छिपा दर्शन, पूजा-अर्चना के लिए मंदिरों की जरूरत, मंदिरों की वास्तु और शिल्पकला, मंदिरों के कर्मकांड के पीछे का दर्शन, पूजा-अर्चना से आगे भी मंदिरों की सामाजिक उपयोगिता, भारतीय मंदिरों के मूल तत्व, मंदिर निर्माण तकनीक और उच्चकोटि का वैज्ञानिक दृष्टिकोंण, विविध प्रकार के मंदिरों की स्थापत्य कला, भारतीय मंदिर आध्यात्मिक ऊर्जा के केंद्र, भारत भूभाग के विशिष्ट मंदिर और पूरी दुनिया में मौजूद हिन्दू मंदिरों की जानकारी को प्रदर्शित करने वाली दीर्घाओं का निर्माण होगा.
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