BJP-RLD की डील फाइनल, सपा से आधी सीटों पर ही भाजपा के साथ जाने को तैयार जयंत चौधरी : सूत्र
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BJP-RLD की डील फाइनल, सपा से आधी सीटों पर ही भाजपा के साथ जाने को तैयार जयंत चौधरी : सूत्र

BJP- RLD Alliance: सूत्रों के मुताबिक, यूपी में राष्ट्रीय लोकदल और भारतीय जनता पार्टी लोकसभा चुनाव 2024 से पहले एक साथ आ सकती हैं. सूत्रों की माने तो जयंत चौधरी के साथ बीजेपी की डील पक्की हो गई है.

RLD-BJP Alliance News

RLD-BJP Alliance News: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले उत्तर प्रदेश में इंडिया गठबंधन को बड़ा झटका लग सकता है. सूत्रों के मुताबिक, यूपी में राष्ट्रीय लोकदल और भारतीय जनता पार्टी गठबंधन कर सकती हैं. सूत्रों की माने तो जयंत चौधरी के साथ बीजेपी की डील पक्की हो गई है. आरएलडी ने चार सीटों की मांग की, जिसपर बीजेपी ने हामी भर दी है. ऐसे में सियायी गलियारों में चर्चा तेज है कि जयंत चौधरी बीजेपी के साथ जा सकते हैं. हालांकि, आधिकारिक तौर पर अभी तक कोई जानकारी सामने नहीं आई है. 

बीजेपी ने ऑफर की ये चार सीटें 
सूत्रों के मुताबिक बीजेपी ने आरएलडी को जो 4 सीटें ऑफर की हैं, उनमें कैराना, बागपत, मथुरा और अमरोहा शामिल हैं. गौरतलब है कि जयंत चौधरी और अखिलेश यादव की लखनऊ में हुई मुलाकात के बाद सात सीटों पर बात बन गई थी. राष्ट्रीय लोकदल को सपा ने भले ही सात सीटें दी हैं, लेकिन वहां भी कई सीटों पर पेंच फंसा हुआ है. सूत्रों के मुताबिक, रालोद, कैराना और बिजनौर पर तो राजी है, लेकिन मुजफ्फरनगर पर पेंच फंस गया. रालोद ने ऐसी स्थिति में अपने हिस्से की सीटें बढ़ाने की बात रखी है. 

...तो इसलिए नहीं बन रही बात
रालोद पूर्वांचल में अपने प्रदेश अध्यक्ष रामाशीष राय को चुनाव लड़ाना चाह रही है. उनकी पश्चिम की सीटों पर भी सपा अपने उमीदवार लड़ाना चाह रही है.राजनीतिक जानकरों के मुताबिक, सपा के एकतरफा निर्णय से बात नहीं बन रही है. ऐसे में रालोद खुश नहीं है. रालोद के कुछ नेताओं ने इशारा दिया था कि हमारी बात भाजपा से चल रही है. अगर, रालोद और बीजेपी के बीच बनती है, आगामी लोकसभा चुनाव में इसका असर देखने को मिलेगा. 

राजनीतिक जानकारों का कहना है कि जयंत चौधरी को भी शायद 2024 की हवा का रुख साफ तौर पर समझ आ गया है. दस सालों के शासन के बावजूद मोदी लहर कायम है और राम मंदिर का मुद्दा उसे एक साइलेंट सुनामी में बदल रहा है. सपा की अगुवाई में विपक्षी गठबंधन 2017 से सत्ता से दूर है और 2027 के विधानसभा चुनाव तक लंबा वक्त है. 

गौरतलब है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की अगुवाई वाले गठबंधन ने 64 सीटें जीती थीं. बसपा को 10 सीटें और पांच सीटें समाजवादी पार्टी ने जीती थीं. हालांकि इस गठबंधन में शामिल राष्ट्रीय लोकदल एक भी सीट नहीं जीत पाई थी. किसान आंदोलन और मुस्लिम वोटों के झुकाव के बावजूद जयंत चौधरी की राजनीति को तगड़ा झटका लगा था.

वेस्ट यूपी में जाट बेल्ट की मुजफ्फरनगर की प्रतिष्ठापूर्ण सीट से बीजेपी नेता संजीव बालियान ने जयंत चौधरी के पिता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अजित सिंह को नजदीकी मुकाबले में 6526 वोटों से हरा दिया था. बागपत से पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर सत्यपाल सिंह ने जयंत चौधरी को करीब 23,502 वोटों से हराया था. मथुरा से हेमा मालिनी ने आरएलडी प्रत्याशी को करीब तीन लाख वोटों से हराया था. 

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