UP Lok Sabha Chunav 2024: क्या एटा में बीजेपी लगा पाएगी हैट्रिक, सपा ने घोषित किया उम्मीदवार
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UP Lok Sabha Chunav 2024: क्या एटा में बीजेपी लगा पाएगी हैट्रिक, सपा ने घोषित किया उम्मीदवार

Eta Lok Sabha Chunav 2024: एटा लोकसभा सीट की गिनती चर्चित लोकसभा सीटों में होती है. आइए जानते हैं इस सीट के सियासी समीकरण क्या हैं और 2024 में होने वाले चुनाव के लिए क्या तैयारी चल रही हैं. 

UP Lok Sabha Chunav 2024: क्या एटा में बीजेपी लगा पाएगी हैट्रिक, सपा ने घोषित किया उम्मीदवार

Eta Lok Sabha Chunav 2024: आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी दलों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. यूपी का एटा जिला इतिहास के साथ ही राजनीति के लिहाज से भी महत्वपूर्ण माना जाता है. एटा लोकसभा सीट की गिनती चर्चित लोकसभा सीटों में होती है. चुनाव करीब आते ही राजनीतिक दलों ने अपने सियासी चौसर बिछाना शुरू कर दिए हैं. आइए जानते हैं कानपुर और फतेहपुर लोकसभा से सटी इस सीट के सियासी समीकरण क्या हैं और 2024 में होने वाले चुनाव के लिए क्या तैयारी चल रही हैं. 

2024 लोकसभा चुनाव में कौन प्रत्याशी ( Etah Lok Sabha Chunav 2024 Candidate)
सपा-कांग्रेस गठबंधन -  देवेश शाक्य
बीजेपी -  राजवीर सिंह
बसपा -   घोषित नहीं

कल्याण सिंह के बेटे राजवीर हैं सांसद
मौजूदा समय में यह सीट बीजेपी के पास है. उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के बेटे भाजपा नेता राजवीर सिंह उर्फ राजू भइया मौजूदा समय में एटा से सांसद हैं. 2019 में उन्होंने सपा-बसपा गठबंधन के प्रत्याशी कुं. देवेंद्र सिंह यादव को चुनाव में पटखनी दी थी. वहीं साल 2014 में मोदी लहर में  उन्होंने समाजवादी पार्टी प्रत्याशी देवेंद्र सिंह यादव को करारी शिकस्त दी थी. 

जातीय समीकरण
एटा लोकसभा सीट में 5 विधानसभा सीट (अमनपुर, एटा, कासगंज, मारहरा और पटियाली) आती हैं. पिछले चुनाव में एटा में वोटरों की संख्या करीब 16 लाख है. इसमें करीब 8.5 लाख पुरुष और 7.2 लाख महिला मतदाता हैं. एटा में  हिंदू आबादी करीब 78 फीसदी और 17 प्रतिशत मुस्लिम जनसंख्या है. एटा लोकसभा क्षेत्र में  यादव और लोध और शाक्य वोटर निर्णायक भूमिका निभाते हैं. 

बीजेपी का दबदबा
एटा लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी का दबदबा दिखाई देता है. भाजपा का इस सीट पर 6 बार जीत का परचम लहरा चुकी है. 1952 में हुए पहले चुनाव में एटा लोकसभा सीट पर कांग्रेस के रोहनलाल चतुर्वेदी सांसद बने थे. इसके बाद यह सीट 1957 और 1962 में हिंदू महासभा के पास चली गई. कांग्रेस ने वापसी कर 1967 और 1971 में यहां जीत दर्ज की. लेकिन 1977 में राष्ट्रीय लोकदल प्रत्याशी ने चुनाव जीता. 1980 के बाद यहां कांग्रेस कभी नहीं जीती. 

साल 1984 में हुए चुनाव में लोकदल प्रत्याशी ने जीत का परचम लहराया. इसके बाद भाजपा ने 1989, 1991, 1996 और 1998 का लोकसभा चुनाव में परचम लहराकर जीत का चौका लगाया. महादीपक सिंह शाक्य ने यहां से लगातार चार बार सांसद बने. इसके बाद 1999 और 2004 में सपा की वापसी हुई और यहां से डॉ देवेन्द्र सिंह यादव सांसद चुने गए. वहीं 2009 में पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने अपनी पार्टी बनाकर यहां से चुनाव जीता. 2014 और 2019 में एटा लोकसभा सीट से बीजेपी के राजवीर सिंह ने जीत दर्ज की. 

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सपा ने देवेश शाक्य को बनाया उम्मीदवार
2024 लोकसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी ने एटा सीट से अपने उम्मीदवार का ऐलान कर दिया है. सपा ने इस बार शाक्य प्रत्याशी पर दांव लगाया है. देवेश शाक्य इस सीट से प्रत्याशी होंगे. इसके बाद उन्होंने अपनी सक्रियता बढ़ा दी है. वहीं, अब देखना होगा कि यहां से बीजेपी  राजवीर सिंह को चुनावी मैदान में उतारकर जीत की हैट्रिक लगाती है या सीट पर कोई उलटफेर देखने को मिलता है. 

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