Budaun Loksabha Election 2024: समाजवादी पार्टी को लेकर सूत्रों के अनुसार बड़ी खबर आ रही है. शिवपाल बदायूं से खुद नहीं लड़ना चाहते हैं लोकसभा का चुनाव. अटकलें लगाई जा रही हैं कि वह अपनी जगह बेटे को टिकट दिलवाना चाह रहे हैं. जानें क्या है पूरा मामला....
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Budaun: समाजवादी पार्टी में प्रत्याशी बदलने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार समाजवादी पार्टी जल्द बदायूं लोकसभा सीट से भी अपना उम्मीदवार बदल सकती है. समाजवादी पार्टी ने बदायूं से पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल यादव को अपना उम्मीदवार बनाया हुआ है लेकिन चाचा शिवपाल अपनी सीट से अपने बेटे आदित्य यादव को चुनाव लड़ाना चाह रहे हैं. सूत्रों ने ये जानकारी दी है कि माना जा रहा है कि शिवपाल की इस मांग को अखिलेश यादव मान भी सकते हैं. आदित्य यादव के नाम की बदायूं से जल्द घोषणा भी हो सकती है.
शिवपाल यादव ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि बदायूं लोकसभा सीट से आदित्य यादव लड़ेंगे चुनाव. आगे उन्होंने कहा कि ऐसा प्रस्ताव आज पार्टी की मीटिंग में पास हुआ है. धर्मेंद्र यादव की मौजूदगी में शिवपाल ने कहा की पार्टी कार्यकर्ता और नेता चाहते हैं की आदित्य यादव बदायूं से चुनाव लड़ें. हमारा काम है कार्यकर्ताओं की बात को राष्ट्रीय नेतृत्व तक भेजना. बदायूं के लोग और सपा के कार्यकर्ता चाहते हैं कि आदित्य यहां से चुनाव लड़ें.
जैसा जनता चाहेगी वो ही नामांकन करेगा
लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार के दौरान शिवपाल यादव ने ऐसा बयान दिया कि जिसकी हर कोई चर्चा कर रहा है. शिवपाल यादव ने आज मंगलवार 2 अप्रैल को प्रचार के दौरान कहा कि जैसा जनता चाहेगी वो ही नामांकन कर देगा. शिवपाल यादव के इस बयान के बाद अटकलें लगाई जा रही हैं कि वह अपनी जगह बेटे को टिकट दिलवाना चाह रहे हैं. शिवपाल ने पहले दिए अपने एक बयान में कहा था कि पार्टी में युवाओं को ज्यादा मौका मिलना चाहिए. अखिलेश यादव भी 26 साल की उम्र में सांसद का चुनाव लड़े थे. शिवपाल का यह बयान इसी से जोड़ के देखा जा रहा है.
पहले बदली जा चुकी है टिकट
आदित्य यादव को बदायूं लोकसभा सीट से टिकट दिए जानें की अटकलों पर शिवपाल यादव और समाजवादी पार्टी ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. हालांकि अभी तक किसी ने आदित्य यादव को टिकट दिए जाने की खबर की पुष्टि तो नहीं की, लेकिन इन्कार भी नहीं किया. जानकारी के लिए बता दें कि सपा ने बदायूं लोकसभा क्षेत्र से पहले धर्मेन्द्र यादव को प्रत्याशी बनाया था. जिसके कुछ दिन बात ही यहां से टिकट में सपा ने बदलाव किया और शिवपाल यादव को धर्मेन्द्र के स्थान पर प्रत्याशी घोषित कर दिया और धर्मेन्द्र को आजमगढ़ भेज दिया. जिसके बाद सबसे पहले बेटा आदित्य यादव ने चुनाव की कमान संभालते हुए बदायूं आकर चुनावी दौरे शुरू कर दिया.
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