गरुड़ पुराण सनातन धर्म के 18 पवित्र पुराणों में से एक है जिसमें मृत्यु, जन्म, नरक और स्वर्ग के बारे में रहस्यमयी जानकारियां दी गई हैं
गरुड़ पुराण में मृत्यु, जन्म, नरक, स्वर्ग,अधोगति, पुनर्जन्म आदि के बारे में विस्तार से बताया गया है.
आपने अक्सर सुना होगा कि अगर किसी के यहां मृत्यु हो जाती है तो गरुड़ पुराण का पाठ कराते हैं क्योंकि मान्यता है कि गरुड़ पुराण का पाठ करने से नकारात्मक ऊर्जाओं का शमन होता है
गरुड़ पुराण बाकी के 17 पुराणों से पूरी तरह भिन्न है. इसलिए इसे पढ़ते समय आपको विशेष सावधानी बरतने और कुछ विशेष नियमों का पालन जरूरी है
जब घर में किसी की मृत्यु हो जाती है तो उसकी आत्मा की शांति और मोक्ष के लिए गरुड़ पुराण का पाठ करते हैं. मान्यता यह है भी कि ऐसा करने से मृतक के घर से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है.
जिस घर में किसी की मृत्यु हो जाती है उस घर के सदस्यों और उसके सगे संबंधियों को एक साथ बैठकर गरुड़ पुराण का पाठ सुनना चाहिए, इसे मृतक की आत्मा और परिजनों दोनों को शांति मिलती है.
ज्यादातर लोग यही समझते हैं कि गरुड़ पुराण उसी घर में पढ़ा जाता है जहां किसी की मृत्यु हो जाती है. इसलिए इसे घर में नहीं रखना चाहिये, लेकिन ऐसा सोचना अनुचित है
आपको बता दें कि, गरुड़ पुराण मोक्ष प्राप्ति का साधन है. इसलिए आप इसे घर पर रख सकते हैं. घर पर गरुड़ पुराण ग्रंथ रखने से नकारात्मक शक्तियों व ऊर्जाओं का नाश होता है और साथ ही रोग-दोष भी दूर रहते हैं.
गरुड़ पुराण में मृत्य, आत्मा की यात्रा, स्वर्ग और नरक के अलावा धर्म, व्रत, पूजा-पाठ और नीति-नियमों के बारे में भी बताया गया है. इसलिए हर व्यक्ति को गरुड़ पुराण जरूर पढ़ना चाहिए और इसमें बताए नियमों का पालन करना चाहिए.
यह खबर सिर्फ मान्यताओं और प्रचलित धारणाओं पर आधारित है. Zee UPUK किसी भी तरह की मान्यता औ धारणा की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.