Mahakumbh 2025: प्रयागराज नहीं जा पा रहे तो चिंता न करें, इन 5 उपायों के साथ घर में कर लें स्नान; मिलेगा महाकुंभ जैसा पुण्य लाभ
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Mahakumbh 2025: प्रयागराज नहीं जा पा रहे तो चिंता न करें, इन 5 उपायों के साथ घर में कर लें स्नान; मिलेगा महाकुंभ जैसा पुण्य लाभ

Mahakumbh 2025 Snan Upay at Home: अगर आप प्रयागराज नहीं जा पा रहे हैं तो चिंता न करें. आप घर में रहकर ही 5 उपायों के साथ स्नान कर लें तो आपको कुंभ जैसा ही पुण्य लाभ अर्जित हासिल कर पाएंगे. 

Mahakumbh 2025: प्रयागराज नहीं जा पा रहे तो चिंता न करें, इन 5 उपायों के साथ घर में कर लें स्नान; मिलेगा महाकुंभ जैसा पुण्य लाभ

How to get Virtue of Mahakumbh by Staying at Home: यूपी के प्रयागराज में दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक समागम यानी कि महाकुंभ जोर-शोर से चल रहा है. पिछले 5 दिनों में अब तक करीब 8 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु गंगा-यमुना के पावन संगम में डुबकी लगाकर पुण्य लाभ बटोर चुके हैं और करोड़ों लोग धीरे-धीरे जाने की अवस्था में है. चूंकि इस बार का कुंभ 144 साल के बाद आयोजित हो रहा है तो हर किसी की इच्छा है कि इस अवसर को हाथ से न जाने दिया जाए. इसके चलते क्या देसी, क्या विदेशी सभी लोगों में महाकुंभ के लिए जबरदस्त क्रेज देखने को मिल रहा है. 

हालांकि काफी लोग ऐसे भी हैं, जो अपनी दैनिक मजबूरियों, बीमारी, बुढ़ापा या अन्य कारणों से चाहकर भी इस दिव्य महाकुंभ का हिस्सा नहीं बन पा रहे हैं. ऐसे लोगों को मायूस होने की आवश्यकता नहीं है. आज हम आपको वे उपाय बताने जा रहे हैं. जिन्हें अपनाकर आप घर बैठे ही इस महाकुंभ का हिस्सा बन पाएंगे और उसके बराबर ही पुण्य आपको भी हासिल होगा. आइए जानते हैं कि वे उपाय कौन से हैं. 

इस मंत्रोच्चारण के साथ नदी में लगाएं डुबकी

जब तक प्रयागराज में दिव्य महाकुंभ चलेगा, उस अवधि में आप कभी भी अपने आसपास बहने वाली किसी भी पवित्र और साफ नदी में स्नान कर सकते हैं. इस दौरान आपको स्नान करते हुए मंत्र ‘गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती. नर्मदे सिन्धु कावेरि जलेऽस्मिन् सन्निधिं कुरु॥’ का जाप करना होगा. इस मंत्र का अर्थ होता है ‘हे नर्मदा, सिंधु और कावेरी; कृपया आप इस जल में उपस्थित हो और इस जल को पवित्र बनाएं.’

घर में इस विधि से कर लें कुंभ स्नान

यदि आपके घर के आसपास कोई पवित्र और स्वच्छ नदी नहीं बहती है तो आप अपने घर में भी कुंभ स्नान कर सकते हैं. इसके लिए ब्रह्म मुहूर्त यानी कि सुबह 4 से 6 बजे के बीच उठें. नित्यक्रिया के पश्चात आप पानी में गंगाजल मिलाएं और फिर मां गंगा का स्मरण करते हुए स्नान शुरू कर दें. स्नान के दौरान मां गंगा का जाप करना आवश्यक होता है. अमृत स्नान का पुण्य पाने के लिए नहाते वक्त शैंपू, साबुन या डिटर्जेंट का इस्तेमाल बिल्कुल न करें. 

इन पावन ग्रंथों का जरूर करें पाठ

उपरोक्त में से किसी एक विधि से स्नान करने के पश्चात आप रामायण, शिव पुराण, भगवत गीता या अन्य किसी पावन ग्रंथ का पाठ जरूर करें या उनका श्रवण करें. ऐसा करने से मन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और तन-मन को असीम शांति का अनुभव होता है. आप शाही स्नान की तिथियों पर घर में रहकर पूरे दिन का व्रत भी कर सकते हैं. ऐसा करने से जातक के कुंभ के समान पुण्य लाभ प्राप्त होते हैं. 

किन चीजों के सेवन का करें परहेज?

जिस दिन आप घर पर रहकर पावन स्नान करें, उस दौरान आप तामसिक भोजन से पूरी तरह दूरी बना लें. आप उस दिन लहसुन-प्याज से बना हुआ भोजन न खाएं. साथ ही ज्यादा तला-भुना और चिकनाई वाले तेल से भी परहेज करें. तन के अलावा अपने मन को भी शुद्ध बनाए रखें और शराब, बीड़ी- सिगरेट, गुटखा समेत नशे की तमाम चीजों को खुद को दूर कर लें. 

इन चीजों का दान करना न भूलें

जिस दिन आप घर में रहकर कुंभ स्नान करें तो उसके पश्चात जरूरतमंदों को दान देना न भूलें. असल में कुंभ स्नान दान-पुण्य के बिना अधूरा है. इसलिए आप स्नान के पश्चात जरूरतमंदों को गरम कपड़े, भोजन, धन या उनकी जरूरत से जुड़ी वस्तुओं का दान कर सकते हैं. ऐसा करने से जातक को महाकुंभ के समान ही पुण्य फलों की प्राप्ति होती है और प्रयागराज जाए बिना भी मोक्ष की प्राप्ति कर सकता है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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