Mahakubh2025:महाकुम्भ में भारत के लोग ही नहीं, बल्कि विश्व के लोग भी इस आस्था के रंग में रंग गए है.यहां देश के विभिन्न राज्यों के साथ ही अमेरिका, रूस, जर्मनी, इटली, इक्वाडोर समेत तमाम देशों के लोग सनातन संस्कृति से अभिभूत नजर आए.
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Mahakumbh 2025: महाकुम्भ में भारत के लोग ही नहीं, बल्कि विश्व के लोग भी इस आस्था के रंग में रंग गए है.यहां देश के विभिन्न राज्यों के साथ ही अमेरिका, रूस, जर्मनी, इटली, इक्वाडोर समेत तमाम देशों के लोग सनातन संस्कृति से अभिभूत नजर आए. सभी ने संगम में डुबकी लगाई और माथे पर तिलक लगाकर संगम की रेती पर निकल पड़े. इसी दौरान विदेशी भाषाओं में जय श्री राम के नारों से पूरा वातावरण ही राममय हो गया.
विदेशी श्रद्धालुओं ने बताया अध्यात्मिक केन्द्र
देश के साथ ही विदेशी श्रद्धालुओं ने भी इसे आध्यात्मिक अनुभव का केंद्र बताया है. क्रिस्टीना ने बताया कि यहां आकर आत्मा को शांति मिलती है.मैंने महाकुम्भ के बारे में सुना जरूर था, लेकिन यहां आकर ऐसा लगा कि यह अनुभव अविस्मरणीय है. उनके साथी भी भारत की आध्यात्मिकता से अभिभूत नजर आए. उनका कहना था कि गंगा में डुबकी लगाकर ऐसा महसूस हुआ, जैसे सभी पाप धुल गए हों.
"महकुम्भ ने दिया" भारतीय सांस्कृति को समझने का अवसर- कॉबी हेल्परिन
कॉबी हेल्परिन ने कहा, भारत की संस्कृति और परंपराओं को इतने भव्य रूप में देखना मेरे लिए एक नया अनुभव है. महाकुम्भ ने मुझे भारतीय संस्कृति को गहराई से समझने का अवसर दिया. यह आयोजन न केवल आध्यात्मिक बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी प्रेरणादायक है. यहां आकर उन्हें गौरव का अहसास हो रहा है.
मिखाइल कर रहे दिव्यता और विशालता को महसूस
मिखाइल और उनके दोस्तों ने संगम घाट पर गंगा स्नान कर हर हर गंगे के जयकारे लगाए. उन्होंने कहा, मैंने महाकुम्भ के बारे में पढ़ा था, लेकिन यहां आकर इसकी विशालता और दिव्यता को महसूस करना मेरे जीवन का सबसे खूबसूरत अनुभव है.
पाउलो ने की योगी सरकार की सराहना
इटली से आए पाउलो ने अपने 12 सदस्यीय दल के साथ महाकुम्भ में संगम स्नान कर पावन पुण्य कमाया. उन्होंने योगी सरकार की व्यवस्थाओं की सराहना करते हुए कहा, दुनिया में इतना बड़ा सांस्कृतिक आयोजन कहीं और संभव नहीं है. इसके लिए यहां के शासक (सीएम योगी) भी बधाई के पात्र हैं.