कानपुर देहात अग्निकांड के बाद DM नेहा जैन फिर आरोपों के घेरे में, BJP सांसद ने खोला मोर्चा, भ्रष्टाचार को लेकर उठाए सवाल
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कानपुर देहात अग्निकांड के बाद DM नेहा जैन फिर आरोपों के घेरे में, BJP सांसद ने खोला मोर्चा, भ्रष्टाचार को लेकर उठाए सवाल

Kanpur Dehat DM Neha Jain: कानपुर अग्निकांड के बाद से कानपुर देहात की डीएम नेहा जैन का नाम चर्चा में है. इसी बीच एक बार फिर वह आरोपों के घेरे में नजर आ रही हैं. बीजेपी सांसद देवेंद्र सिंह भोले ने चिट्ठी लिखकर जिला प्रशासन से कानपुर देहात महोत्सव के आयोजन में खर्च हुई लागत का ब्योरा मांगा है.

Kanpur Dehat DM Neha Jain

आलोक त्रिपाठी/कानपुर देहात: पिछले कुछ दिनों से आरोपों के घेरे में खड़ी कानपुर देहात (Kanpur Dehat) की डीएम नेहा जैन (DM Neha Jain) के खिलाफ अब क्षेत्रीय सांसद ने भी मोर्चा खोल दिया है. अकबरपुर सांसद देवेंद्र सिंह भोले ने डीएम को पत्र भेजकर कानपुर देहात महोत्सव में लिए गए चंदे समेत 18 बिंदुओं पर जानकारी मांगी है. सांसद ने इस पत्र की एक कॉपी मुख्य सचिव को भी भेजी है. डीएम नेहा जैन को भेजे गए पत्र में सांसद ने जानकारी मांगी है कि क्या शासन ने कार्यक्रम के लिए अनुमति दी थी. यदि अनुमति नहीं थी तो किस आधार पर कार्यक्रम कराया गया. कार्यक्रम के पहले क्या जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक की गई. इसके अलावा अधिकारियों के साथ की गई बैठक का भी ब्यौरा मांगा है. 

महोत्सव के नाम पर करोड़ों रुपये वासूलने के आरोप
पिछले महीने कानपुर देहात में हुए महोत्सव में करोड़ों रुपये खर्च करके बड़े-बड़े सेलिब्रिटी को बुलाया गया था. यह कार्यक्रम कई दिनों तक चला था. कार्यक्रम के दौरान भी अधिकारियों पर जनप्रतिनिधियों, जिलावासियों और वकीलों ने भी मनमानी और तानाशाही के आरोप लगाए थे. महोत्सव के नाम पर करोड़ों रुपये वसूले जाने की चर्चा जोरों-शोरों से हुई थी. बता दें कि महोत्सव में औद्योगिक क्षेत्रों के साथ-साथ स्कूलों, अस्पतालों, बाजारों और हर विभाग के अधिकारियों को वसूली का एक बजट दिया गया था. जिससे काफी रुपये वसूले गये थे. होर्डिंग और बैनर लगवा कर खूब प्रचार प्रसार किया था. आरोप है कि अधिकारियों ने करोड़ों रुपये मनमानी तरीके से खर्च किए. 

सांसद ने डीएम पर लगाए कई गंभीर आरोप 
अकबरपुर सांसद देवेंद्र सिंह भोले ने डीएम पर आरोप लगाते हुए कहा कि जिले में कानपुर देहात महोत्सव का कार्यक्रम हुआ इसकी जानकारी देना भी डीएम ने उचित नहीं समझा. यह नियमों के विपरीत है. 3 फरवरी को केवल एक आमंत्रण भेज कर औपचारिकता निभा दी गई. उन्होंने सवाल उठाया कि कार्यक्रम में खर्च करने के लिए क्या टेंडर प्रक्रिया हुई. भुगतान करते समय वित्तीय नियमों का पालन किया गया या नहीं. कार्यक्रम के लिए शासन की ओर से मिली धनराशि किन-किन मदों में खर्च की गई है. इसके अलावा किन-किन लोगों से चंदा वसूला गया और किन-किन अधिकारियों ने चंदे वसूले. सांसद ने डीएम से इन सभी की सूची मांगी है. 

राज्य मंत्री प्रतिभा शुक्ला ने भी जाहिर की थी नाराजगी 
कार्यक्रम के दौरान स्थानीय विधायक एवं उत्तर प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री प्रतिभा शुक्ला ने भी नाराजगी व्यक्त की थी. उन्होंने कहा था कि इतने बड़े कार्यक्रम में कहीं भी सीएम योगी व पीएम नरेंद्र मोदी की फोटो तक नहीं लगाई गई. जबकि डीएम व सीडीओ की फोटो हर जगह बैनर में दिख रही थी. राज्यमंत्री ने डीएम से जिला ना संभाल पाने की भी बात कही थी. 

अपर जिला जज ने भी लगाया था आरोप 
महोत्सव के नाम पर सीएसआर फंड का दुरुपयोग करने पर अपर ज़िला जज ने भी नाराजगी व्यक्त करते हुए सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति को एक पत्र लिखा था. जिसमें उन्होंने कहा था कि महोत्सव के नाम पर मौज मस्ती हुई और सीएसआर फंड का दुरुपयोग किया गया. अपर जिला जज ने पत्र में साफ तौर से लिखा था कि यह महोत्सव सिर्फ अधिकारियों व अमीर लोगों के लिए था. यहां पर ग्रामीण और गरीबों के लिए कोई सुविधा नहीं थी. हर जगह पैसे लिए जा रहे थे. अधिकारियों ने करोड़ों रुपये सिर्फ अपनी सुविधा के लिए खर्च कर दिए. जो पैसे खर्च किए गए वह जनता के हित में भी आ सकते थे. उन्होंने पत्र में लिखा था कि कई दिनों तक चले महोत्सव से कार्य में भी बाधा आई है. 

जब से संभाला जिला, आरोपों में घिरी रहीं डीएम
आपको बता दें जब से जिले की कमान नेहा जैन ने संभाली है, तब से कुछ ना कुछ ऐसा होता रहा है कि डीएम सहित कई ज़िम्मेदार अधिकारियों पर सवाल खड़े होते रहे हैं. कुछ दिन पहले हुए बलवंत हत्याकांड पर भी बड़ी प्रशासनिक लापरवाही निकल कर सामने आई थी. जिसके बाद जनप्रतिनिधियों ने भी अधिकारियों पर भ्रष्टाचार जैसे गंभीर आरोप लगाए थे. दूसरी घटना मड़ौली अग्निकांड, जिसमें मां बेटी की जिंदा जलकर मौत हो गई थी. उसमें भी साफ तौर से डीएम पर ही लापरवाही व मनमानी के आरोप लगे थे. ग्रामीणों में इतनी नाराजगी थी कि लोगों ने डीएम के गांव में आने पर पाबंदी लगा दी थी. जिसके बाद उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने खुद कमान संभाली और परिजनों को शांत कराया था. 

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