Kanpur News: IIT कानपुर का कमाल, ब्रेन स्‍ट्रोक मरीजों के लिए छात्रों ने तैयार की गजब की डिवाइस
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Kanpur News: IIT कानपुर का कमाल, ब्रेन स्‍ट्रोक मरीजों के लिए छात्रों ने तैयार की गजब की डिवाइस

Kanpur News: आईआईटी कानपुर के छात्रों ने मेडिकल के क्षेत्र में कमाल क दिया है. ब्रेन स्‍ट्रोक मरीजों का एक साल बाद भी इलाज हो सकेगा. आईआईटी कानपुर के छात्रों के इस खोज से स्‍ट्रोक मरीजों को जल्‍द राहत मिल सकेगी. 

सांकेतिक तस्‍वीर

प्रवीण पांडे/कानपुर: आईआईटी कानपुर ने ब्रेन स्ट्रोक के लिए विश्व की पहली ऐसी डिवाइस बनाई है जो स्ट्रोक के 1 साल बाद भी मरीज को ठीक कर सकती है. आईआईटी कानपुर के मैकेनिकल डिपार्टमेंट की ओर से विकसित की गई अत्याधुनिक डिवाइस का नाम ब्रेन कंट्रोल इंटरफेस है. यह डिवाइस ब्रेन को एक्टिवेट करती है. इससे स्ट्रोक के मरीजों की तेजी से रिकवरी हो जाती है. स्ट्रोक के मामलों में फिजियोथेरेपी ही काम करती है.

आईआईटी कानपुर के छात्रों का कमाल
ब्रेन स्‍ट्रोक के मामलों में IIT कानपुर की ये मशीन रामबाण का काम करेगी. खास बात यह है कि मरीज को थिरेपी की जितनी जरूरत होगी, उतनी ही थेरेपी मशीन से मिलेगी. इस मशीन का नाम ब्रेन कंट्रोल इंटरफेस (BCI) है. इसका पायलट स्टडीज पूरा हो चुका है. अब ये मशीन फाइनल ट्रायल के लिए तैयार है. अभी तक जो थेरेपी होती है वो डॉक्टर अपने हिसाब से देते थे. इसमें डॉक्टर को ये अंदाजा नहीं होता है कि मरीज को कितनी थेरेपी दें, बस उसे अंदाज के साथ थेरेपी देते हैं. ऐसे में इस डिवाइस से राहत मिलेगी. जितनी मरीज को जरूरत होगी उतनी ही थेरेपी दी जाएगी. 

दिमाग और शरीर के अंगों को एक्टिव रखती है 
इस BCI सिस्टम को मैकेनिकल विभाग के विभागाध्यक्ष आशीष दत्ता की टीम ने तैयार किया है. मैन्युअल फिजियोथैरेपी करने में कई बार लोगों का शरीर तो काम करता रहता होता है लेकिन उनका दिमाग काम नहीं करता है. वहीं, यह डिवाइस दिमाग और शरीर दोनों को एक्टिव रखती है. रिकवरी बहुत तेज से होगी. इस डिवाइस का भारत और यूके में सफल क्‍लीनिकल ट्रायल हो चुका है. ट्रायल में ऐसे मरीजों को रखा गया जिनको स्ट्रोक की समस्या एक साल से अधिक से थी. इन लोगों में बहुत तेज से रिकवरी देखने को मिली है. 

कैसे काम करेगी यह मशीन
अपोलो हॉस्पिटल के साथ इसका क्लीनिकल ट्रायल अभी भी जारी है. जल्द ही यह मशीन बाजार में भी उपलब्‍ध होगी. बिना फिजियोथेरेपिस्ट की मदद के स्ट्रोक के मरीजो का इलाज संभव हो सकेगा. इस डिवाइस में ईईजी कैप को मरीज को पहनाया जाता है. इसके बाद डिवाइस की मदद से हाथ में मोशन कराया जाता है. ब्रेन का फोकस अगर हाथ पर नहीं होता है तो इसका पता लैपटॉप की स्क्रीन पर लग जाता है. इससे मरीज अपना फोकस बढ़ाता है और रिकवरी तेजी से होती है. 

 

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