Jalaun News: चलते-फिरते कैलकुलेटर हैं जालौन के ये दो जुड़वा बच्चे, रोबोट जैसा तेज दिमाग, 50 देशों के मेधावी छात्रों के बीच जमाई धाक
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Jalaun News: चलते-फिरते कैलकुलेटर हैं जालौन के ये दो जुड़वा बच्चे, रोबोट जैसा तेज दिमाग, 50 देशों के मेधावी छात्रों के बीच जमाई धाक

Jalaun News: जालौन के 10 साल के जुड़वा बच्चों ऋषभ और राघव ने जर्मनी में मेंटल कैलकुलेटर चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता, उन्हें ह्यूमन कैलकुलेटर का खिताब मिला. जर्मनी (Germany) में लहराया भारत का झंडा.

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जितेन्द्र सोनी/उरई नगर: जालौन के 10 साल के जुड़वा बच्चे, ऋषभ और राघव माहेश्वरी, ने जर्मनी (Germany) में जूनियर मेंटल कैलकुलेटर वर्ल्ड चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता. यह उनकी 6 सालों की मेहनत का परिणाम है. उन्हें ह्यूमन कैलकुलेटर का खिताब मिला. पहले भी उन्होंने कई अवॉर्ड जीते हैं, जिनमें इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड और इंडोनेशिया में गोल्ड मेडल शामिल हैं.

दरअसल, उरई नगर के मुहल्ला पाठकपुरा के रहने वाले नवनीत और पूजा माहेश्वरी के 2 बेटे और 1 बेटी है और हर बार की तरह इस बार भी उन्होंने जर्मनी में आयोजित मेंटल कैलकुलेटर वर्ल्ड चैंपियनशिप में प्रतिभाग कर अपने हुनर का परचम लहराया है. साल भर में एक बार आयोजित होने वाली इस चैंपियनशिप प्रतियोगिता में ऋषभ और राघव ने माहेश्वरी ने सिल्वर जीता है.

एकेडमी की ट्रेनिंग ने बनाया ह्यूमन कैलकुलेटर
जालौन के रहने वाले 10 साल के जुड़वा बच्चों, ऋषभ और राघव माहेश्वरी ने, जर्मनी में आयोजित जूनियर मेंटल कैलकुलेटर वर्ल्ड चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीतकर देश का परचम लहराया है. यह उनकी 6 सालों की मेहनत और डेढ़ साल के इंतजार के बाद मिली बड़ी जीत है.

प्रतियोगिता का स्पष्टीकरण
पिछले डेढ़ से इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने की तैयारी चल रही थी और एकेडमी की मेल के द्वारा कन्फर्मेशन होने के बाद जर्मनी के (बीलेफ़ेल्ड) शहर में 23 सितंबर को आयोजित हुई इस जूनियर मैंटल केलकुलेटर प्रतियोगिता में हिस्सा लिया. इस प्रतियोगिता में दुनियाभर से 50 से ज्यादा देशों ने हिस्सा लिया था और हर एक ग्रुप में 30 बच्चे शामिल थे. जिसमें जूनियर फर्स्ट से ऋषभ और राघव ने सिल्वर मेडल के साथ ट्राफी जीतकर ह्यूमन कैलकुलेटर का खिताब अपने नाम कर लिया है.

परिवार की प्रतिक्रिया
ऋषभ और राघव के पिता नवनीत माहेश्वरी का कहना है कि जब वह 4 साल के थे तो उनकी टीचर श्रुति माहेश्वरी ने इन्हें ट्रेनिंग देना शुरु की और फिर राहुल और सुनील सर के जरिए कोटा की ट्रेंड अबेकस एकेडमी ने बच्चों के हुनर को परखा जिसके बाद उनके बच्चों को आगे बढ़ने का मौका मिला.

पहले भी जीत चुके हैं कई अवॉर्ड
ऋषभ और राघव पहले भी कई अवॉर्ड जीत चुके हैं, जिनमें इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड और इंडोनेशिया में गोल्ड मेडल शामिल हैं.

परिवार और शहर के लिए गर्व का पल
जुड़वा बच्चों की इस सफलता पर परिवार को नाज है तो जिले के लोगों को गर्व महसूस हो रहा है. घर वापस लौटने पर ढोल नगाड़ों के साथ उनका स्वागत किया गया और जालौन के जिलाधिकारी राजेश पांडेय ने भी उन्हें सम्मानित किया.

आगे की योजना
ऋषभ और राघव का कहना है कि अब वह और भी ज्यादा मेहनत करेंगे और पूरी दुनिया में तिरंगे के मान व सम्मान को ऊंचा रखेंगे.

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