Jhansi news: नवजात बच्ची के चेहरे की आकृति एक अलग ही प्रकार की दिख रही थी इसलिए लोगों ने देवी मान लिया. बच्ची को समय पर इलाज न मिलने के कारण बच्ची हादसे का शिकार हो गई.
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Jhansi news: नवरात्रि से ठीक एक दिन पहले झांसी जिले में चौका देने वाला मामला सामने आया है. यहां पर 5 अप्रैल को जन्मी एक बच्ची जन्मजात विकृति के कारण अंधविश्वास की चपेट में आ गई. सही इलाज न मिलने के कारण उसकी जान चली गई. बच्ची का जन्म स्वास्थ्य केंद्र गुरसरांय में हुआ था. जन्म के बाद उस बच्ची को परिजन ग्राम मडो़री ले गए. बच्ची के चेहरे की आकृति एक अलग ही प्रकार की दिख रही थी इस लिए लोगों ने देवी मान लिया. बड़ी संख्या में महिलाओं ने भजन आदि गाकर बच्ची की पूजा अर्चना करना शुरू कर दी और इलाज पर ध्यान नहीं दिया. बच्ची को लोगों ने देवी का अवतार समझ लिया और आसपास के गांव की भीड़ जमा हो गई.
मामला जिले के ग्राम मड़ोरी का है. दरअसल कल्लन कोरी की पत्नी पूजा ने पांच अप्रैल को गुरसरांय अस्पताल में अपनी दूसरी संतान के रूप में इस पुत्री को जन्म दिया था, जबकि इसके पहले एक बच्ची और भी है. बच्ची के जन्म के बाद स्वस्थ होने के चलते उसकी अस्पताल से छुट्टी कर दी गई थी लेकिन अस्पताल से जब मड़ोरी पहुँची तो लोगों ने उसकी आकृति देखकर उस बच्ची को आस्था और अंधविश्वास के बीच उसे देवी के रूप में जन्म लेने पर उसकी खूब पूजा,अर्चना,भजन किये और पैसे चढाए.
बाद में उसकी मौत हो गई. बताया जा रहा है कि जन्म लेने के बाद बच्ची को इंफेक्शन हो गया था. परिवार से कहा गया था कि वह तत्काल झांसी इलाज के लिए ले जाएं लेकिन उसे बच्ची को उसके परिवार व गांव के लोग देवी समझकर झांसी न ले जाकर मडो़री में ही उसकी पूजा अर्चना करने लगे. इस दौरान बच्ची की मौत हो गई. इसके बाद भी गांव वालों को होश नहीं आया और गाजे बाजे के साथ बच्ची को बेतवा नदी में प्रवाहित कर दिया.