Road Safety Rules in India: भारत में सड़क पर गाड़ियां लेफ्ट साइड में चलती हैं, जबकि दुनिया के ज्यादातर देशों में कारें-बस आदि दायीं ओर चलती है. आखिरी सड़क सुरक्षा से जुड़े इस मामले में भारत और दूसरे देश में कानून अलग-अलग क्यों है, आइए डालते हैं नजर
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Road Safety Rules in India: भारत में सभी वाहन फिर चाहे वो दोपहिया-तिपहिया हों या फिर कारें, बस-ट्रक. सभी में सड़क के बायीं ओर चलते हैं. कारों, बसों-ट्रकों में इसलिए स्टेयरिंग दायीं ओर रखी जाती है, ताकि गाड़ी चलाने वाली रोड में हर आने-जाने वाले वाहनों को ठीक से देख सके. लेकिन सवाल उठता है कि जब दुनिया के 174 देशों ने सड़क के दायीं ओर वाहनों के चलने और बायीं ओर स्टेयरिंग रखने का नियम चुना तो भारत ने लेफ्ट साइड रूल क्यों बनाया.
दरअसल, भारत 200 सालों के करीब अंग्रेजी हुकूमत के अधीन रहा. लिहाजा देश में ट्रैफिक रूल भी ब्रिटेन जैसे ही भारत में लागू किए गए. अमेरिका, कनाडा,नीदरलैंड और फ्रांस जैसे यूरोपीय देशों में कार की स्टेयरिंग लेफ्ट साइड में रखी जाती है. जबकि वाहन दायीं ओर चलते हैं. अमेरिका में 18वीं सदी में घोड़ा-गाड़ी और बग्घी आदि दायीं ओर ही चलती थीं. बाद में जब फोर्ड जैसे ऑटोमोबाइल कंपनियों ने वाहन बाजार में आए तो उन्होंने भी इसी के अनुसार गाड़ियो में स्टेयरिंग बायीं ओर लगाई.
भारत में ज्यादातर दायें हाथ से काम करने वाले
भारत में ज्यादातर लोग दायें हाथ से काम करते हैं. यह भी एक वजह रही, जिसके कारण स्टेयरिंग बाईं ओर रखी गई. ताकि वो आसानी से दूसरी ओर देख सकें और बिना किसी जोखिम के सड़क पर गाड़ी चला सकें. इससे उनके लिए गाड़ी से उतरना और चढ़ना भी आसान रहा.
शोध में सड़क सुरक्षा के लिए अहम
एक शोध भी हुआ था, जिसमें कहा गया था कि बायीं ओर वाहन चलने वाले देशों में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या काफी कम रहती है. दायीं ओर ड्राइवर के बैठे होने से उसे रोड का पूरा हिस्सा आसानी से नजर आता है. उसके लिए बचाव का अवसर भी ज्यादा होता है.
परंपरा भी बड़ी वजह
मुगल काल हो या फिर प्राचीन काल में भी भारत में सैनिक या अन्य लोग दायें हाथों में तलवार-भाला और अन्य हथियार लेकर चलते थे. तलवारबाजी, घुड़सवारी में लगाम पकड़ने, तीरंदाजी आदि में भी दायें हाथों का ही ज्यादा प्रचलन था. सड़क पर पैदल चलने वाला बायीं ओर चलता था, तो घोड़ों, हाथी और अन्य जानवरों पर सवार लोगों के लिए उसके दायें ओर से क्रॉस करके आगे जाना आसान और सुरक्षित होता था. जब घोड़ा गाड़ी यानी तांगा आया, तब भी यही परंपरा रही और इस कारण दायीं ओर ही वाहनों की स्टेयरिंग रखी गई.
जानकारी के लिए बता दें कि दुनिया के 163 देश ऐसे हैं, जहां वाहन सड़क के दायीं ओर चलते हैं और 63 देशों में भारत की तरह बायीं ओर. जब 18वीं सदी में ईस्ट इंडिया कंपनी और फिर सीधे ब्रिटिश शासन में भारत आया तो यही नियम लागू करना आसान रहा.
जबकि अमेरिका में जब घोड़ा गाड़ी 18वीं सदी में चलती थी तो बग्घी का चालक बायीं ओर बैठता था और दायें हाथ से चाबुक का इस्तेमाल करता था. लिहाजा वहां राइट साइड वाला नियम गाड़ियों में भी चालू रहा.कनाडा में भी अमेरिकी की तरह ही नियम है.
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