“जीवन का उद्देश्य विश्वास करना, आशा करना और प्रयास करना है”, पढ़ें इंदिरा गांधी के 10 विचार जो करते हैं प्रेरित
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“जीवन का उद्देश्य विश्वास करना, आशा करना और प्रयास करना है”, पढ़ें इंदिरा गांधी के 10 विचार जो करते हैं प्रेरित

Indira Gandi Death Anniversary: इंदिर गांधी ने अपने चौथे कार्यकाल में बढ़ते खालिस्तानी आंदोलन का सामना किया; जवाब में, उन्होंने ऑपरेशन ब्लू स्टार शुरू किया. जिसमें स्वर्ण मंदिर में सैन्य कार्रवाई शामिल थी. 31 अक्टूबर 1984 को, उनके दो अंगरक्षकों ने उनकी हत्या कर दी, दोनों ही सिख थे जो स्वर्ण मंदिर में हुई घटनाओं का बदला लेना चाहते थे.

indira gandhi

Indira Gandhi Death Anniversary: 31 अक्टूबर देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि का दिन है. इंदिरा गांधी भारत की पहली और अब तक की एकमात्र महिला प्रधानमंत्री थीं. वे 1966 से 1977 तक और फिर 1980 से 1984 तक भारत की प्रधानमंत्री के पद पर रहीं. इंदिरा गांधी का कार्यकाल कुल 15 साल और 350 दिनों का रहा. जो कि उन्हें पंडित नेहरू के बाद सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाली भारतीय प्रधानमंत्री बनाता है. इंदिरा गांधी "आयरन लेडी" के रूप में जानी जाती थीं.

जनवरी 1966 में लालबहादुर शास्त्री की अचानक मृत्यु के बाद, इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री बनी थीं. 1971 में इंदिरा गांधी को बड़ी चुनावी जीत हासिल हुई थी. ​​लेकिन देश भर में आपातकाल लागू करने के बाद, उन्हें भारी सत्ता विरोधी भावना का सामना करना पड़ा था. जिसके कारण कांग्रेस 1977 का चुनाव हार गई थी. इंदिरा गांधी को उनके कार्यकाल के दौरान दुनिया की सबसे शक्तिशाली महिला के रूप में याद किया जाता है. उनकी पुण्यतिथि के मौके पर उनके कुछ विचारों से आपको परिचित कराते हैं.

इंदिरा गांधी के विचार-

1. “आप मुट्ठी बंद करके हाथ नहीं मिला सकते.”

2. “मेरे दादाजी ने एक बार मुझसे कहा था कि दो तरह के लोग होते हैं; वे जो काम करते हैं और वे जो श्रेय लेते हैं. उन्होंने मुझसे कहा कि पहले में रहने की कोशिश करो; वहां बहुत कम प्रतिस्पर्धा है.”

3. “प्रश्न करने की शक्ति मानवीय प्रगति का आधार है.”

4. “क्षमा करना बहादुरों का गुण है.”

5. “आपको काम के बीच में स्थिर रहना और शांति में जीवंत रहना सीखना चाहिए.”

6. “विनम्र लोग एक दिन धरती के वारिस हो सकते हैं, लेकिन सुर्खियाँ नहीं बन सकते.”

7. “एक राष्ट्र की ताकत अंततः इस बात में निहित है कि वह अपने दम पर क्या कर सकता है, न कि इस बात में कि वह दूसरों से क्या उधार ले सकता है.”

8. “जब भी आप एक कदम आगे बढ़ाते हैं, तो आप कुछ न कुछ नुकसान करते ही हैं.”

9. “शिक्षा एक मुक्तिदायी शक्ति है, और हमारे युग में यह एक लोकतांत्रिक शक्ति भी है, जो जाति और वर्ग की बाधाओं को पार करती है, जन्म और अन्य परिस्थितियों द्वारा लगाए गए असमानताओं को दूर करती है.”

10. “जीवन का उद्देश्य विश्वास करना, आशा करना और प्रयास करना है.”

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