कृषि क्षेत्र में ड्रोन का इस्तेमाल लगातार बढ़ रहा है, इसका उद्देश्य कृषि उत्पादकता को बढ़ावा देना और लागत को कम करना है, ताकि किसानों की आय बढ़ सके.
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खेती किसानी में ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है. सिंचाई, रासायनिक उर्वरकों के छिड़काव से लेकर निगरानी तक कृषि ड्रोन का इस्तेमाल किया जा सकता है. देश के 11 राज्यों में 30 लाख एकड़ भूमि पर एग्रीबॉट ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है. दुनिया की सबसे बड़ी सहकारिता संस्था इफ्को ने इसके लिए अभियान छेड़ा है, जिसका लाभ उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा जैसे बड़े राज्यों को भी मिलेगा. अब तक 500 से ज्यादा ड्रोन उतारे गए हैं, जिससे सैकड़ों किसान अब तक इसका लाभ ले चुके हैं. इसके इस्तेमाल के लिए किसानों को सब्सिडी भी मिलेगी.
इफ्को एक प्रमुख ड्रोन तकनीक आइओटेक वर्ल्ड एविगेशन से हाथ मिलाकर ये काम कर रहा है. इसका उद्देश्य कृषि में ड्रोन तकनीक के व्यापक उपयोग को बढ़ावा देना है. इस पहल के तहत 11 भारतीय राज्यों में 30 लाख एकड़ भूमि पर एग्रीबॉट ड्रोन का उपयोग किया जाएगा.
आइओटेक वर्ल्ड एविगेशन और इफ्को का एग्रीबोट ड्रोन स्प्रे के लिए प्रति एकड़ 200 रुपये ज्यादा कमाई का अवसर प्रदान करता है. इस साझेदारी के तहत 500 ड्रोन प्रदान किए गए हैं. इससे कृषि उत्पादकता बेहतर हुई है. एग्रीबोट MX भारत का नंबर 1 कृषि ड्रोन कहा जाता है. यह कृषि से जुड़े तमाम कामों के लिए आधुनिक तकनीक से लैस है. ये 1500 एकड़ तक भूमि को कवर कर सकता है. ड्रोन की स्प्रे क्षमता 6 एकड़ प्रति घंटे है. एक दिन में कई बैटरी सेट का उपयोग करके 25 एकड़ तक कवर किया जा सकता है.
आइओटेक वर्ल्ड एविगेशन के सह संस्थापक अनुप उपाध्याय ने कहा, इफ्को के साथ हमारी साझेदारी भारतीय कृषि में तकनीक के माध्यम से नया बदलाव लाने का लक्ष्य रखती है. सिर्फ 8 महीनों में एग्रीबोट ड्रोन के इस्तेमाल पर सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है.एग्रीबोट कृषि ड्रोन का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल ड्रोन स्प्रे के जरिए किसानों की खेती में हो रहे फायदों को दिखाता है. ड्रोन द्वारा जुटाया गया डेटा 4G कनेक्टिविटी के माध्यम से क्लाउड पर भेजा जाता है. ताकि हम वास्तविक समय में निगरानी और डेटा विश्लेषण कर सकें. यह साझेदारी फसल की उपज बढ़ा रही है, लागत कम कर रही है और नामित राज्यों के किसानों की जीवनशैली में सुधार कर रही है