Kanpur Holi 2024: यहां नारियल की जलाई जाती है होली, मेहंदीपुर बालाजी से जुड़ा हुआ है होलिका दहन का रहस्य
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Kanpur Holi 2024: यहां नारियल की जलाई जाती है होली, मेहंदीपुर बालाजी से जुड़ा हुआ है होलिका दहन का रहस्य

Kanpur Holi 2024: देश में होली की धूम शुरू हो चुकी है. हर तरफ बस रंग गुलाल ही उड़ता हुआ नजर आ रहा है. होलिका दहन को लेकर भी भारत के कई अलग- अलग शहरों में अलग अलग मान्यताएं है. कानपुर में भी नारियल की होली जलाई जाती है. 

 

Kanpur Holi 2024

Kanpur Holi 2024: बुराइयों पर अच्छाइयों की जीत का प्रतीक होली पर पूरे देश में अलग अलग रंग देखने को मिलते हैं. वहीं उत्तर प्रदेश कें कनपुर देहात में अनोखी होलिका दहन होता हैं. लकड़ी और गोबर के कंडो से हटकर यहां होलिका नारियल से बनाई जाती है. होली जलने के बाद उसी नारियल से यहां के लोग अपनी बाधाओं ,बलाओं और भूत प्रेत की समस्याओं को उतारा भी करते है.  उतारा करने के बाद लोग बालाजी मंदिर में जलने वाली होलिका में उस नारियल को रख अपनी विपत्तियों का भी दहन करते हैं और साल भर बाधाओं से दूर रहते हैं.

उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात जिले के जुनैदपुर गांव इस तरह की होली खेली जाती है. यहां लंबे समय से अनोखे रंग में होली की शुरुआत होती है. जिसके बाद यहां के लोग रंगों से होली खेलते हैं. दरअसल जुनैदपुर गांव में एक बाला जी मंदिर स्थापित है. आपको बता दें इस बालाजी मंदिर का ताल्लुक राजस्थान के मेहंदीपुर बालाजी धाम से है. बताते है कि यहां के पुजारी बालावास्ता से लगभग 6 से 7 साल की उम्र से ही बालाजी धाम जाया करते थे और उसके बाद उन्होंने यहां पर इस मंदिर का निर्माण कराया था. 

अब जो प्रक्रियाएं मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में की जाती है वहां भी होली के दिन नारियल की होली जलाई जाती है और यहां भी यहां लोग पूरे साल अपने घरों की एक चुटकी मिट्टी और एक नारियल लेकर यहां पूरे साल आते हैं. यहां होली के दहन से पहले यहां इकट्ठा होकर बाला जी मंदिर के महंत से अपने और अपने घर के ऊपर चल रही बाधाओं , विपत्ति और भूत प्रेत के साए को नारियल और चुटकी भर घर की मिट्टी से इसी प्रांगण में उतारा कर के एक स्थान पर एकत्रित करते हैं.

जिससे होलिका बनाई जाती है जिसे होली वाले दिन फिर सब लोग मिलकर दहन करते हैं. मान्यता है की ऐसा करने से लोगों को साल भर किसी भी बुरे साए और बलाओं से बचाया जाता है.  हर साल ये प्रथा यूं ही चलती रहती है, स्थानीय लोगों की माने तो इस प्रक्रिया से उन्हें लाभ मिलता है. यहां इस मंदिर में मुंबई, अहमदाबाद राजस्थान के साथ अन्य शहरों के लोग यहां होली से पहले आते हैं.  ये लोग अपने घर से लाए हुए नारियल और मिट्टी से यहां उतारा कराकर बाधाओं को जला देते हैं. 

वहीं एक और भी मान्यता भीं है की की नारियल से जलाई जाने वाली होलिका से वातावरण भी अच्छा हो जाता है. नारियल कें जलने से जहां जहां इसका धुआं पहुंचता है. वहा पर हवन और पूजा पाठ की अनुभूति होती है और अच्छे माहौल को महसूस किया जा सकता है.
 

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