जिनको अपनों ने नहीं पूछा, उनको मोक्ष दिलाने हरिद्वार पहुंचे 4 दोस्त, किया 53 अस्थियों का विसर्जन
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जिनको अपनों ने नहीं पूछा, उनको मोक्ष दिलाने हरिद्वार पहुंचे 4 दोस्त, किया 53 अस्थियों का विसर्जन

समाज में नि:स्वार्थ सेवा कर रहे ये दास्तां गुजरात वडोदरा से हरिद्वार आए चार दोस्तों की है. स्वजल लंबे समय से मानव सेवा में जुटे हुए हैं. 

जिनको अपनों ने नहीं पूछा, उनको मोक्ष दिलाने हरिद्वार पहुंचे 4 दोस्त, किया 53 अस्थियों का विसर्जन

हरिद्वार: कोरोना ने इस समाज को ऐसे दिन दिखाए हैं कि लोग अपनों को भूल गए. यहां तक की मौत के बाद परिजनों ने पार्थिव शरीर तक नहीं लिया. वहीं, इन सबके बीच तमाम रीयल हीरोज़ भी उभर कर सामने आए जिन्होंने मानवता की मिसाल पेश की. जिनसे कोई सरोकार नहीं, उनके मृत शरीर का अंतिम संस्कार किया. केवल इतना ही नहीं, बल्कि मोक्ष के लिए अस्थियों को लेकर हरिद्वार में हरि की पैड़ी तक पहुंचे और पूरे विधि-विधान के साथ अस्थियों को मां गंगा के पवित्र जल में विसर्जित भी किया.

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वडोदरा से पहुंचे हरिद्वार
समाज में नि:स्वार्थ सेवा कर रहे ये दास्तां गुजरात वडोदरा से हरिद्वार आए चार दोस्तों की है. स्वजल लंबे समय से मानव सेवा में जुटे हुए हैं. पूरे देश में कोरोना से हो रही मौतों का सिलसिला लगातार जारी है. यह क्रम गुजरात के वडोदरा में भी चल रहा है. स्वजल अपनी टीम के साथ वहां के अस्पतालों में जाते हैं और ये पता करते हैं कि ऐसे कितने लोग हैं जिनकी कोरोना से मौत हुई और उनके परिजन शव नहीं ले गए. शवों का अंतिम संस्कार करने के बाद एक दोस्त ने सभी की अस्थियां लेकर हरिद्वार का रुख किया. 

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53 अस्थियों का विसर्जन
हरिद्वार पहुंचने के बाद स्वजल अपने साथियों के साथ हरि की पैड़ी पर पंडित से मिले और अस्थियों के विसर्जन की इच्छा जताई. वडोदरा से युवाओं की यह टीम 53 अस्थियों को लेकर हरिद्वार आई है. हरि की पैड़ी पर पंडित की मौजूदगी में पूरे विधि-विधान के साथ अस्थियों का विसर्जन किया गया. टीम के सदस्यों ने बताया कि वे पहली बार अस्थि विसर्जन के लिए हरिद्वार आए हैं. वडोदरा में अभी कई ऐसे शव हैं, जिनको पूछने वाला कोई नहीं है. ऐसे में अंतिम संस्कार के बाद सभी फिर से हरिद्वार आएंगे और अस्थि विसर्जन के जरिए मृत आत्माओं को मोक्ष दिलाने का प्रयास करेंगे.

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