Flood like situation In Greater Noida: ग्रेटर नोएडा के जेवर में भव्य इंटरनेशनल एयरपोर्ट बन रहा है लेकिन उसी ग्रेटर नोएडा के गांव का हाल बाढ़ के कारण बेहाल है, घर घर में नाले और बारिश का घुस चुका है और कोई सुध लेने को तैयार नहीं है.
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Greater Noida Latest News/गौतम बुद्ध नगर: वैसे ग्रेटर नोएडा के जेवर में भव्य इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण हो रहा है लेकिन पास के गांवों की हालत बद से बदतर है. एयरपोर्ट के पास ही एक गांव है रनहेरा जहां के हालात बुरे हैं. गांव में बाढ़ की जैसी स्थिति बनी है. गांव के 80% हिस्से में पानी भर चुका है और लोग यहां से पलायन करने को मजबूर हो गए हैं. सैंकड़ों घरों पर ताले लटके हैं. बच्चों का स्कूल जाना दूभर हो गया है और लोग काम पर नहीं जा पा रहे हैं. गांव की स्थिति हद से ज्यादा बुरी हो चुकी है.
दूसरे गांव में पलायन कर रहे हैं लोग
जेवर का रनहेरा गांव नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के फेस टू में स्थित है जहां पर गांव का अधिग्रहण होना है लेकिन उससे पहले ही गांव के हालात बिगड़ चुके हैं. बारिश के बाद की स्थिति को इतनी बुरी है है कि नालों रजवाहों का पानी तक गांव के भीतर पहुंचने लगा है. जिसके कारण पूरा गांव प्रभावित हो रहा है. गांव की स्थिति ऐसी है कि लोग अपने घरों में बंद रहकर दिन गुजार रहे हैं. काफी लोग गांव छोड़कर चले भी गए हैं. ऐसी स्थिति है कि लोग अपना और अपने परिवार के बचाव के लिए गांव से पलायन कर ये तो अपने रिश्तेदार के यहां जा रहे हैं या दूसरे गांव की शरण ले रहे हैं. नाले और बारिश का पानी घरों के अंदर घुस चुका है जिससे घर के सामान भी खराब होने लगे हैं.
कोई नहीं ले रहा है परेशानी की सुध
गांव की ऐसी स्थिति से दो चार हो रहे ग्रामीणों ने आरोप लगाया है इस परेशानी की सुध न तो प्रशासनिक अधिकारी ले रहे हैं और न ही जनप्रतिनिधि का इस पर ध्यान है. ग्रामीणों ने इस स्थिति के लिए प्रशासनिक अधिकारी यमुना प्राधिकरण और जनप्रतिनिधि को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि कोई भी गांव की ओर नहीं ध्यान दे रहा है. गांव में जल भराव होने से लोग पलायन कर रहे हैं और पिछले 15 दिनों से पानी भरा होने से बीमारियां भी फैलने लगी हैं.
जल निकासी के संबंध कोई प्रबंधन नहीं
हालांकि स्वास्थ्य विभाग की ओर से यहां पर एक स्वास्थ्य कैंप लगाया गया है लेकिन इस बारे में ग्रामीणों का कहना है कि जो भी प्रशासनिक अधिकारी यहां पर आते हैं वह गांव के बाहर से ही घूम निकल जाते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि जल निकासी के संबंध आज तक किसी भी तरह का प्रबंधन नहीं किया गया है जिसे लेकर ग्रामीणों में भारी रोष है.
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