Munawwar Rana Death Latest News: उर्दू के मशहूर शायर मुनव्वर राणा का निधन हो गया है. लखनऊ के एक बड़े अस्पताल में मुनव्वर राणा भर्ती थे.
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Munawwar Rana Health Update: मशहूर शायर मुनव्वर राणा (Munawwar Rana) का निधन हो गया है. मुनव्वर राणा को पिछले हफ्ते आईसीयू में एडमिट कराया गया था, जहां मुनव्वर राणा की हालत गंभीर थी. रविवार को उन्होंने अंतिम सांस ली. बताया जा रहा है कि पिछले कई दिनों से मुनव्वर राणा की तबीयत खराब थी. हालत में सुधार नहीं होने के बाद अब मुनव्वर राणा को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है. डॉक्टर लगातार मुनव्वर राणा की सेहत पर नजर बनाए हुए हैं. सुमैय्या राणा ने लोगों से उनके पिता के लिए दुआ करने की गुजारिश की है.
मशहूर शायर मुनव्वर राणा (Munawwar Rana) की तबीयत बिगड़ गई है. मुनव्वर राणा को आईसीयू में एडमिट किया गया है.सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि मुनव्वर राणा की हालत गंभीर है. बताया जा रहा है कि पिछले कई दिनों से मुनव्वर राणा की तबीयत खराब थी. हालत में सुधार नहीं होने के बाद अब मुनव्वर राणा को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है. डॉक्टर लगातार मुनव्वर राणा की सेहत पर नजर बनाए हुए हैं. सुमैय्या राणा ने लोगों से उनके पिता के लिए दुआ करने की गुजारिश की है.
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सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार मशहूर शायर मुनव्वर राणा पिछले कुछ समय से क्रोनिक किडनी रोग से ग्रसित हैं. इसके चलते आज 9 जनवरी 2024 को उन्हें संजय गांधी स्नातकोतर आयुर्विज्ञान संस्थान लखनऊ SGPGI में भर्ती करवाया गया है. यहां उनका ईलाज किया जा रहा है. जानकारी के लिए बता दें कि दो दिन पहले भी मुनव्वर राणा की तबीयत खराब होने की वजह से उनको लखनऊ के मेदांता अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. मेदांता अस्पताल में उनका डायलिसिस करवाया गया था.
मुनव्वर राणा ने कई मशहूर गज़लें लिखी थीं. असहिष्णुता के मुद्दे पर 2014 में उर्दू साहित्य के साहित्य अकादमी पुरस्कार को राणा ने ठुकरा दिया था. उन्होंने फिर कोई पुरस्कार स्वीकार नहीं किया. उनकी बेटी सुमैया सपा नेता हैं. राणा अपने सियासी बयानों को लेकर विवादों में भी रहे.
मुनव्वर राना का जन्म 26 नवंबर 1952 को रायबरेली उत्तर प्रदेश में हुआ था. वो उर्दू भाषा के साहित्यकार थे. कविता शाहदाबा के लिये उन्हें 2014 में साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला.उनके परिवार के तमाम सदस्य भारत-पाकिस्तान विभाजन के वक्त पाकिस्तान चले गए. मगर मुनव्वर राणा के पिता ने भारत में रहने की ठानी. मुनव्वर राणा की पढ़ाई कलकत्ता में हुई. राणा ने ग़जलों के अलावा संस्मरण भी लिखे. राणा की गजलों का ऊर्दू के अलावा अन्य कई भाषाओं में भी अनुवाद हुआ. राना की एक दर्जन से ज्यादा पुस्तकें प्रकाशित हुईं.
पढ़ें मुनव्वर राणा की फेमस शायरी
आप को चेहरे से भी बीमार होना चाहिए
इश्क़ है तो इश्क़ का इज़हार होना चाहिए
ज़िंदगी तू कब तलक दर-दर फिराएगी हमें
टूटा-फूटा ही सही घर-बार होना चाहिए
बरसों से इस मकान में रहते हैं चंद लोग
बरसों से इस मकान में रहते हैं चंद लोग
इक दूसरे के साथ वफ़ा के बग़ैर भी
एक क़िस्से की तरह वो तो मुझे भूल गया
इक कहानी की तरह वो है मगर याद मुझे