Sultanpur Dhopap Temple: सुल्तानपुर तहसील मुख्यालय से करीब आठ किलोमीटर दूर स्थित यह जगह लोगों की आस्था का केंद्र है. इसकी मान्यता श्रीराम से जुड़ी है.
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आशीष श्रीवास्तव/सुल्तानपुर: अयोध्या के निर्माणाधीन मंदिर में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है. ऐसे में श्रीराम से जुड़े सभी स्थलों को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है. अयोध्या के पड़ोसी जनपद सुल्तानपुर और बनारस के बीच लंभुआ के पास एक धार्मिक स्थल है. जिसकी मान्यता भगवान श्रीराम से जुड़ी है. हम बात कर रहे हैं, सुल्तानपुर शहर से 32 किलोमीटर दूर स्थित गोमती नदी के तट पर बने धोपाप घाट की. यहां भगवान राम का एक बड़ा मंदिर भी है, जहां बड़ी संख्या में भक्तजन आते हैं. यह मंदिर सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक खुला रहता है. मान्यता है कि इसी घाट पर भगवान राम ने ब्राह्मण जाति के राक्षस राजा रावण की हत्या के पाप के लिए प्रायश्चित्त किया था. रामोत्सव 2024 के मौके पर इस धार्मिक स्थल का भी कायाकल्प किया जा रहा है. आइये जानते हैं इस धार्मिक स्थल से जुड़ी मान्यता...
मान्यता है कि भगवान श्रीराम लंका विजय कर रावण का वध करने के बाद अयोध्या लौटे तो उनके कुलगुरु वशिष्ठ ने उन्हें बताया कि जब तक उनके ऊपर ब्रह्म हत्या का दोष समाप्त नहीं हो जाता तब तक कोई शुभ कार्य नहीं किया जा सकता. उन्होंने बताया कि गोमती नदी के किनारे स्नान करने के बाद उन्हें ब्रह्म हत्या के दोष से मुक्ति मिल जाएगी. इसके लिए एक पत्तल पर बैठाकर कौवे को गोमती नदी में तैराया कराया जाए. जिस स्थान पर कौवे का रंग सफेद हो जाएगा, उस स्थल पर ही उन्हें स्नान करना होगा.
कुलगुरु के आदेश पर कौवे को गोमती नदी में तैराया गया.
मान्यता है कि इसी स्थल पर पहुंचते ही कौवे का रंग सफेद हो गया था, जिसके बाद भगवान राम ने इसी घाट पर स्नान किया था. जिसके बाद उन्हें ब्रह्म हत्या के दोष से मुक्ति मिली थी. तब से इस घाट का नाम धोपाप रख दिया गया. राम जानकी मंदिर धोपाप के मुख्य पुजारी अक्षयबर उपाध्याय ने बताया कि इस स्थान पर मकर संक्रांति और गंगा दशहरा के दिन लाखों श्रद्धालु आकर स्नान करते हैं. चूंकि 22 जनवरी को अयोध्या में श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा है, तो इस स्थल का भी कायाकल्प करने का काम किया जा रहा है.
जिले की सांसद संजय मेनका गांधी के प्रतिनिधि रंजीत कुमार और भाजपा नेता विजय सिंह रघुवंशी के नेतृत्व में पूरे मंदिर परिषद को सजाया संवारा जा रहा है. दीवारों पर रामायण काल से संबंधित चित्र बनाए जा रहे हैं. 22 तारीख को 51 हजार दीपों से इस स्थान को जगमग किया जाएगा. इसके साथ ही यहां पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. सुरक्षा की दृष्टि से एक दर्जन से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं और पर्यटन की दृष्टि से इसको काफी सुंदर बनाने का निरंतर प्रयास किया जा रहा है.