Milkipur Seat: मिल्कीपुर सीट पर विधानसभा उपचुनाव टला, चुनाव आयोग के फैसले की बड़ी वजह सामने आई
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Milkipur Seat: मिल्कीपुर सीट पर विधानसभा उपचुनाव टला, चुनाव आयोग के फैसले की बड़ी वजह सामने आई

Milkipur Assembly By Election 2024: मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव की तारीखों का ऐलान टाल दिया गया है, जबकि नौ अन्य सीटों पर उपचुनाव की घोषणा हो गई है. इस पर सपा और बीजेपी में जुबानी जंग होने के आसार हैं. 

milkipur bypolls 2024

Milkipur Vidhansabha Upchunav 2024: उत्तर प्रदेश की दस विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की तारीखों की घोषणा हो गई है. यूपी में लेकिन दस की बजाय नौ सीटों पर उपचुनाव होगा. मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव टाल दिया गया है. चुनाव आयोग के इस फैसले को लेकर समाजवादी पार्टी और भाजपा में सियासी घमासान तय है. सपा निश्चित तौर पर आयोग के फैसले पर सवाल खड़े करेगी. कहा जा रहा है कि मिल्कीपुर सीट पर याचिका शायद निलंबित है. कहा जा रहा है कि मिल्कीपुर विधानसभा चुनाव 2022 में बीजेपी प्रत्याशी बाबा गोरखनाथ जब चुनाव हार गए थे तो उन्होंने वहां से तब जीते सपा प्रत्याशी अवधेश प्रसाद के निर्वाचन के खिलाफ याचिका दायर की थी, जो अभी अदालत में लंबित हैं. हालांकि अब अवधेश प्रसाद अयोध्या लोकसभा सीट से चुनाव जीत चुके हैं. 

दरअसल, 2022 के चुनाव नामांकन में अवधेश प्रसाद ने जो हलफनामा लगाया था और जिस वकील ने नोटरी वेरिफाई की थी उस समय उस वकील का लाइसेंस नहीं था. इसके बाद बीजेपी प्रत्याशी गोरखनाथ बाबा ने हार के बाद इसे लेकर चुनाव याचिका दाखिल की थी. गोरखनाथ बाबा की 2022 की चुनाव याचिका की वजह से मिल्कीपुर उप चुनाव टल गया. हालांकि अब याचिका वापस लेने के बावजूद बाकी नौ सीटों के साथ चुनाव संभव प्रतीत नहीं हो रहा है, क्योंकि चुनाव आयोग कार्यक्रम की घोषणा कर चुका है. 

विधानसभा उपचुनाव में मिल्कीपुर सीट को सबसे प्रतिष्ठापूर्ण माना जा रहा था. राम मंदिर के उद्घाटन के कुछ महीनों बाद हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा ये सीट हार गई थी. इसे राम जन्मभूमि आंदोलन से लेकर मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा तक केंद्रीय भूमिका में रही भाजपा को तगड़ी भावनात्मक चोट पहुंची थी. यही कारण है कि बीजेपी इस सीट को छीनने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही है.

लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद प्रदेश भाजपा के शीर्ष नेताओं में कथित मतभेद की खबरों के बीच सीएम योगी ने खुद मोर्चा संभाला था. वो खुद कई बार मिल्कीपुर विधानसभा का दौरा कर चुके हैं. उन्होंने यहां रोजगार मेला समेत हजारों करोड़ रुपये के विकास कार्यों की घोषणा भी की है. हालांकि यहां दलित और मुस्लिम वोटों की बहुलता को देखते हुए बीजेपी के लिए चुनाव जीतना आसान नहीं माना जा रहा है. 

सपा ने यहां सहानुभूति लहर को बनाए रखने और दलित वोटों को पाले में रखने के लिए अयोध्या सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को उम्मीदवार बनाया था. हालांकि मिल्कीपुर सीट पर भाजपा भी कई बार जीत दर्ज कर चुकी है. 

कांग्रेस बोली, डर गई बीजेपी
उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता अंशू अवस्थी ने कहा, एक देश एक चुनाव का राग अलापने वाली BJP एक साथ उपचुनाव भी न करा पाई, तमाम इंजन वाली भाजपा सरकार एक साथ उपचुनाव कराने से डर गई है. 10 सीटों के उपचुनाव में मिल्कीपुर विधानसभा चुनाव में एक साथ चुनाव न कर कर भाजपा ने लोकतंत्र और संविधान की हत्या की है, अयोध्या का अपमान किया है. लोगों के मौलिक मताधिकार के हक को छीना है , मिल्कीपुर के लोग इसका हिसाब किताब बीजेपी को सबसे बड़ी हार देकर करेंगे.

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