निरंजनी अखाड़ा के महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी को जहर देकर मारने की थी साजिश, पुलिस ने की नाकाम
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निरंजनी अखाड़ा के महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी को जहर देकर मारने की थी साजिश, पुलिस ने की नाकाम

Prayagraj News: निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद को जहर देकर उनकी हत्या की साजिश सामने आई है. प्रयागराज पुलिस ने इसका खुलासा करते हुए एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. 

पुलिस गिरफ्त में आरोपी.

मो.गुफरान/प्रयागराज: श्री पंचायती निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी (Mahamandaleshwar Kailashanand Giri) की हत्या की साजिश रचने वाले आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया है. दो दिनों तक नैनी थाने में आरोपी योगेंद्र शर्मा से पुलिस टीम ने लगातार पूछताछ की. इस दौरान गिरफ्तार आरोपी के कब्जे से दो अलग-अलग नाम के आधार कार्ड और हाईस्कूल के सर्टिफिकेट पाए गए हैं. 

बागपत का रहने वाला है योगेंद्र शर्मा
गिरफ्तार आरोपी योगेंद्र शर्मा मूल रूप से बागपत का रहने वाला है. आचार्य की हत्या की साजिश को लेकर आरोपी के बारे में हुए खुलासे के बाद पुलिस टीम और जांच एजेंसियों के भी होश उड़ गए हैं. गिरफ्तार अभियुक्त के पास मिले फर्जी और कूट रचित दस्तावेजों से अभियुक्त की गतिविधियां भी बेहद संदिग्ध हो जाती हैं. ऐसे में पुलिस ने पूरे मामले को लेकर बेहद गहनता से जांच पड़ताल की है. पुलिस को पता चला है कि वह अखाड़ों और साधु-संतों से बेहद प्रभावित रहा है. शुरुआती जांच-पड़ताल में अभी तक जो बातें सामने आईं हैं, उसमें जालसाजी और धोखाधड़ी ही आरोपी का मुख्य उद्देश्य था. बाकी अन्य पहलुओं को लेकर भी गहनता से जांच पड़ताल की जा रही है. 

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परी अखाड़े की प्रमुख त्रिकाल भवंता के आश्रम पहुंचा था आरोपी 
गौरतलब है कि 24 दिसंबर को योगेंद्र प्रयागराज के अरैल स्थित परी अखाड़े की प्रमुख त्रिकाल भवंता के आश्रम पहुंचा था. इसके पहले उनसे फोन पर कई बार बातचीत की थी. आश्रम पहुंचने पर आरोपी ने त्रिकाल भवंता से अखाड़े की मान्यता दिलाने को लेकर बातचीत की. इसी दौरान आरोपी योगेंद्र शर्मा ने स्वामी कैलाशानंद महाराज की हत्या को लेकर भी परी अखाड़े की प्रमुख त्रिकाल भवंता से मदद मांगी. 

आरोपी ने त्रिकाल भवंता को बताया कि 1 जनवरी को आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद महराज के हरिद्वार आश्रम में बड़ा आयोजन है. देशभर के तमाम साधु संत इसमें शामिल होंगे. इसी दिन उनकी हत्या भोजन में जहर देकर की जा सकती है. इसके लिए वह उन्हें पैसों की मदद करें. आरोपी की बातों को सुनने के बाद त्रिकाल भवंता ने पूरे मामले की नैनी थाने में सूचना दी. सूचना पर पहुंची नैनी पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीमों ने आरोपी को हिरासत में लेकर दो दिनों तक लगातार पूछताछ किया. उसकी मंशा को जानने का प्रयास किया. जिसके बाद रविवार देर शाम आरोपी के खिलाफ त्रिकाल भवंता की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया है. 

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नौकरी के नाम पर 20 लाख रुपये लेने का आरोप भी लगाया 
तहरीर में बताया गया है कि आरोपी ने उनसे श्री पंचायती निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी की हत्या में मदद मांगी. साथ ही आचार्य कैलाशानंद गिरी पर नौकरी के नाम पर 20 लाख रुपये लेने का भी आरोप लगाया था. पुलिस फिलहाल सभी पहलुओं को लेकर गंभीरता से जांच पड़ताल में जुटी हुई है. 

पहले भी दो संतों की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई थी मौत 
यह प्रकरण इसलिए भी बेहद गंभीर है क्योंकि निरंजनी अखाड़े के दो बड़े संतों की संदिग्ध परिस्थितियों में पहले भी मौत हो चुकी है. वहीं, आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज की हत्या की साजिश रचने की खबर मिलते ही साधु संतों में भी आक्रोश फैल गया. पुलिस महकमे में भी पूरे मामले को लेकर हड़कंप मच गया. आनन-फानन में पुलिस की तरफ से स्पेशल टीमें गठित कर पूरे मामले की जांच पड़ताल कराई गई. फिलहाल अभी तक की जानकारी में आरोपी के खिलाफ हत्या की साजिश को लेकर कोई ठोस साक्ष्य सामने नहीं आएं है. 

डीसीपी जमुना नगर सौरभ दीक्षित ने बताया कि आरोपी के खिलाफ सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. आगे की जांच पड़ताल में जो बातें और सबूत सामने आएंगे, उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी. 

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