धीरेंद्र दास हत्याकांड में शामिल आरोपी मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार, पुलिस ने रखा था 25 हजार का इनाम
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धीरेंद्र दास हत्याकांड में शामिल आरोपी मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार, पुलिस ने रखा था 25 हजार का इनाम

पुलिस ने धीरेंद्र दास की हत्या कर फरार चल रहे जितेंद्र पर 25 हजार का इनाम भी घोषित कर रखा था. पुलिस के मुताबिक जितेंद्र पर हरदोई और सीतापुर में भी कई मुकदमे दर्ज हैं.

 

मुठभेड़ मड़ियांव थाना क्षेत्र के घैलापुल के पास हुई है.

लखनऊ: राजधानी लखनऊ में कबीर मठ के प्रशासनिक अधिकारी धीरेंद्र दास की हत्या में शामिल रहे आरोपी को पुलिस ने मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया है. क्राइम ब्रांच व मड़ियांव थाना क्षेत्र की पुलिस ने जितेंद्र सिंह उर्फ जितेश को धरदबोचा. मुठभेड़ मड़ियांव थाना क्षेत्र के घैलापुल के पास हुई है. डीसीपी उत्तरी शालिनी खुद मौके पर मौजूद हैं.

जानकारी के मुताबिक क्राइम ब्रांच की टीम को सूचना मिली थी कि जितेंद्र और उसका साथी बाइक से मड़ियांव की ओर जा रहे हैं, जिसके बाद मड़ियांव थाना क्षेत्र की पुलिस से संपर्क साधते हुए टीम मौके पर पहुंची. पुलिस ने पहले बाइक सवार जितेंद्र और उसके साथी को रोकने का प्रयास किया लेकिन आरोपी ने फायर कर दिया. जिसके बाद जवाबी कार्रवाई में जितेंद्र घायल हुआ है, जबकि उसका साथी चकमा देकर फरार हो गया. पुलिस ने धीरेंद्र दास की हत्या कर फरार चल रहे जितेंद्र पर 25 हजार का इनाम भी घोषित कर रखा था. पुलिस के मुताबिक जितेंद्र पर हरदोई और सीतापुर में भी कई मुकदमे दर्ज हैं.

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शादी की बुकिंग का बहाने कर मारी थी गोली
कबीर मठ के प्रशासनिक अधिकारी धीरेंद्र दास ने बीते बुधवार को इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था. 24 अगस्‍त सोमवार को हसनगंज क्षेत्र के डालीगंज में 50 वर्षीय धीरेंद्र दास को 3 लोगों ने गोली मार दी थी. जिसके बाद उन्हें केजीएमयू के ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया था, जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी. बताया गया कि 24 अगस्त की सुबह धीरेंद्र दास अपने ऑफिस में थे कि तभी मठ में शादी की बुकिंग के लिए 3 लोग पहुंचे और बातचीत के बीच धीरेंद्र दास पर एक के बाद एक दो गोली चला दी. गोली की आवाज सुनकर मठ में मौजूद लोग जब ऑफिस में आए तो धीरेंद्र दास खून से लथपथ जमीन पर पड़े हुए थे.

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दो आरोपी पहले हो चुके हैं गिरफ्तार
पुलिस वारदात को अंजाम देने वाले दो आरोपी आलोक वर्मा और उसके साथी सुधीर पांडेय को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है. आलोक करीब 8 साल तक धीरेंद्र दास के साथ मठ में रहा. लेकिन चार साल पहले धीरेंद्र दास ने किसी बात को लेकर आलोक को मठ से बाहर निकाल दिया. पूछताछ में पता चला है कि आरोपित लंबे समय से बदला लेने की साजिश रच रहा था. वारदात में इस्तेमाल तमंचा भी बरामद कर लिया गया है.

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