UP Assembly Verdict: कोर्ट बनी विधानसभा! 6 पुलिसकर्मियों को सुनाई 1 दिन की सजा, 19 साल बाद MLA की पिटाई पर फैसला
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UP Assembly Verdict: कोर्ट बनी विधानसभा! 6 पुलिसकर्मियों को सुनाई 1 दिन की सजा, 19 साल बाद MLA की पिटाई पर फैसला

UP Assembly Court: सीओ समेत 6 पुलिसकर्मियों को विधायक की पिटाई मामले में 1 दिन के कारावास की सजा सुनाई गई है. दिलचस्प है कि ये सजा कोर्ट ने नहीं यूपी विधानसभा में प्रस्ताव पारित करके दी गई है.

UP Assembly Verdict: कोर्ट बनी विधानसभा! 6 पुलिसकर्मियों को सुनाई 1 दिन की सजा, 19 साल बाद MLA की पिटाई पर फैसला

MLA Salil Vishnoi Beating Case: यूपी विधानसभा (UP Assembly) में आज ऐतिहासिक नजारा देखने को मिला. दरअसल आज यूपी विधानसभा ने किसी कोर्ट की तरह कार्रवाई की और सीओ समेत 6 पुलिसकर्मियों को 1 दिन कारावास की सजा सुना दी. इन पुलिसकर्मियों को 19 साल पुराने बीजेपी विधायक सलिल विश्नोई (Salil Vishnoi) की पिटाई के मामले में यूपी विधानसभा ने सजा सुनाई है. सीओ समेत 6 पुलिसकर्मी विशेषाधिकार हनन के दोषी पाए गए हैं. बता दें कि यूपी विधानसभा के इस फैसले को विधानसभा में चुनौती नहीं दी जा सकती है. सजा के आदेश के मुताबिक, दोषी पुलिसकर्मियों को विधानसभा में ही कैदियों के लिए बनी स्पेशल सेल में रखा जाएगा. रात 12 बजे तक दोषी पुलिसकर्मी बंद रहेंगे.

MLA की पिटाई मामले में बड़ा फैसला

बता दें कि आज विधानसभा में 19 साल पुराने विधायक की पिटाई के मामले की सुनवाई हुई. संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने 2004 में हुई घटना के लिए जिम्मेदार पुलिसकर्मियों द्वारा किए गए विशेषाधिकार हनन से संबंधित प्रस्ताव रखा था. लगभग 19 साल बाद इन पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की गई.

पुलिसकर्मी विशेषाधिकार हनन के दोषी करार

जान लें कि इस मामले में बीजेपी विधायक सलिल विश्नोई को पीटने वाले कानपुर के तत्कालीन सीओ अब्दुल समेत 6 पुलिसकर्मियों को विशेषाधिकार हनन का दोषी करार दिया गया. सदन के इस निर्णय को हाईकोर्ट में भी चुनौती नहीं दी जा सकेगी.

सदन में रखा गया ये प्रस्ताव

संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने यूपी विधानसभा में प्रस्ताव रखा कि एक दिन यानी आज रात 12 बजे तक दोषी पुलिसकर्मियों को कारावास दिया जाए. इसके बाद विधायकों ने ध्वनि मत से इस प्रस्ताव को पारित किया है. हालांकि, सपा के विधायक सदन से वॉकआउट कर गए. उनकी गैर-मौजूदगी में ये प्रस्ताव पारित किया गया.

इस मौके पर विधान सभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि सदन का निर्णय महत्वपूर्ण है. इसका संदेश दूरगामी होगा. हमारे संविधान हमारी जीवन रेखा हैं.

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