Maharashtra Politics: उद्धव ठाकरे गुट का नया दांव- चुनाव आयोग को सुझाए ये तीन चुनाव चिन्ह
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Maharashtra Politics: उद्धव ठाकरे गुट का नया दांव- चुनाव आयोग को सुझाए ये तीन चुनाव चिन्ह

Thackeray vs Shinde: चुनाव आयोग ने अंधेरी ईस्ट विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में शिवसेना के उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे नीत दोनों गुटों के पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न का उपयोग करने पर शनिवार को पाबंदी लगा दी थी.

Maharashtra Politics: उद्धव ठाकरे गुट का नया दांव- चुनाव आयोग को सुझाए ये तीन चुनाव चिन्ह

Maharashtra News: उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना धड़े ने चुनाव आयोग को अपने चुनाव चिन्ह के लिए त्रिशूल, उगता सूरज या मशाल के रूप में तीन विकल्प सुझाए हैं. सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी. बता दें चुनाव आयोग ने अंधेरी ईस्ट विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में शिवसेना के उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे नीत दोनों गुटों के पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न का उपयोग करने पर शनिवार को पाबंदी लगा दी थी.

पार्टी के दोनों गुटों द्वारा नाम और चुनाव चिह्न पर दावा किए जाने की पृष्ठभूमि में एक अंतरिम आदेश जारी कर चुनाव आयोग ने दोनों से कहा था कि वे सोमवार तक अपनी-अपनी पार्टी के लिए तीन-तीन नए नाम और चुनाव चिह्न सुझाएं. आयोग दोनों गुटों द्वारा सुझाए गए नामों और चुनाव चिह्नों में से उन्हें किसी एक का उपयोग करने की अनुमति देगा.

नाम के लिए भी कुछ विकल्प सुझाए
ठाकरे खेमे के एक सूत्र ने कहा, ‘‘शिवसेना ने चुनाव आयोग को अपने चुनाव चिह्न के लिए त्रिशूल, उगता सूरज या मशाल के रूप में तीन विकल्प सुझाए हैं.’’ अधिक विवरण साझा किए बिना सूत्र ने बताया कि ठाकरे खेमे ने चुनाव में अपने आधिकारिक नाम के लिए भी कुछ विकल्प सुझाए हैं.

‘ठाकरे नीत हतोत्साहित नहीं है’
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने रविवार को कहा कि आगामी विधानसभा उपचुनाव में शिवसेना के नाम और चुनाव चिह्न के इस्तेमाल पर चुनाव आयोग का आदेश हैरत में डालने वाला है लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि उद्धव ठाकरे नीत गुट कमजोर या हतोत्साहित है.

एनसीडपी के प्रमुख प्रवक्ता महेश तापसे ने  कहा कि शिवसेना के नाम और चुनाव चिह्न पर पाबंदी लगाने का निर्वाचन आयोग का फैसला आश्चर्यजनक और दुखद है लेकिन यह आयोग का निर्णय अंतिम नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाला गुट उपचुनाव नहीं लड़ रहा है, फिर भी पार्टी के नाम और चिह्न के इस्तेमाल पर रोक लगायी गयी. चिह्न का इस्तेमाल करने से रोकने का मतलब यह नहीं है कि शिवसेना कार्यकर्ता (ठाकरे की अगुवाई वाले) कमजोर या हतोत्साहित हो गए हैं. शिवसेना (ठाकरे गुट) के साथ एनसीपी और कांग्रेस, भाजपा को कड़ी टक्कर देंगे.’’

तापसे ने कहा, ‘‘यह चुनाव आमने-सामने का मुकाबला होगा क्योंकि भाजपा ने उद्धव ठाकरे गुट के प्रत्याशी के खिलाफ अपना उम्मीदवार खड़ा किया है.’’

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