ब्रजेश ने कहा कि 15 अगस्त को लाल किले से पीएम मोदी की स्पीच सुनने के बाद ख्याल आया कि हमें भारत लौटना चाहिए.
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गुजरात: 17 सिंतबर को जब देश पीएम मोदी का जन्मदिन मना रहा था तब एक युवक गांधीनगर से साइकिल से देश के भ्रमण पर निकला था. करीब 23,000 किमी की यात्रा यह युवक साइकिल से तय करेगा. इस युवक का मकसद पीएम मोदी की "सिंगल यूज़ प्लास्टिक" के खिलाफ शुरू की गई मुहीम को आगे बढ़ाना है. जिससे लाखों लोग जागरूक हो सके और धरती और पर्यावरण दोनों को सुरक्षित रखा जा सके. ब्रजेश ने दिल्ली पहुंच कर ज़ी मीडिया से बातचीत में बताया कि साइकिल पर देश का भ्रमण कर लोगों को जागरूक करने का ख्याल उसे 15 अगस्त को लाल किले से पीएम मोदी की स्पीच सुनने के बाद आया था.
हालांकि उसका कहना है कि 3 साल से वो यूरोप में एक कंपनी में एडमिन विभाग का कर्मचारी थे और यूरोप में सिंगल यूज़ प्लास्टिक का इस्तेमाल नही होते देख ही भारत मे किस तरह बेन लाया जाए उसके बारे में सोचा करता थे. पीएम मोदी के 15 अगस्त वाले भाषण से प्रभावित होकर युवक ने अपनी यूरोप की नौकरी छोड़ दी और उसने साइकिल से देश भर का भ्रमण कर लोगों को जागरूक करने का काम अपने हिस्से लिया.
पीएम मोदी के जन्मदिन के दिन ही उसने अपनी यात्रा की शुरुआत कर चार राज्यों से होते हुए 28 दिन में 2500 किमी का सफर पूरा कर सभी गांव और शहर में बच्चों और लोगों को सिंगल यूज़ प्लास्टिक ना इस्तेमाल करने की शपथ दिलाते हुए दिल्ली पहुंचे हैं.
ब्रजेश ने कहा जब विदेश की नौकरी छोड़ कर भारत में इस यात्रा की शुरुआत की तब तक मुझे परिवार का समर्थन नही मिला था लेकिन उसके फैसले का स्वागत होता देख परिवार ने भी अब उसे समर्थन दे रहा हैं. युवक को अब परिवार समेत देश भर से प्यार मिल रहा है. दिल्ली में केंद्रीय जहाजरानी मंत्री मनसुख मांडविया से मुलाकात की तो साथ ही ज़ी मीडिया से बातचीत में कहा कि दिल्ली से अब दक्षिण भारत की ओर वो आगे रवाना होंगे.
आगामी एक वर्ष में पूरे भारत का भ्रमण कर लगभग 23,000 किमी की यात्रा पूरी कर फिर दिल्ली पहुंच कर पीएम मोदी से मिलना चाहेंगे. ब्रजेश ने कहा कि जो उसने कमाया था पूरी पूंजी उसने पीएम मोदी के लिए अपनी इस यात्रा में लगा दी और जगह जगह लोग भी उसके इस कदम की सराहना कर उसके रात रुकने की और रात्रि भोज की व्यवस्था कर देते हैं.
उसका कहना है कि मुझे सिर्फ पर्यावरण और पृथ्वी को सिंगल यूज़ प्लास्टिक से बचाना है ताकि आने वाली पीढ़ी को जीने के लिए अच्छा वातावरण मिले.
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