Ramcharitmanas: स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान से सपा को होगा नुकसान? शिवपाल यादव ने BJP का जिक्र कर दिया ये बयान
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Ramcharitmanas: स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान से सपा को होगा नुकसान? शिवपाल यादव ने BJP का जिक्र कर दिया ये बयान

Ramcharitmanas Row: रामचरितमानस पर समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर विवाद गहराता जा रहा है. मौर्य को उनकी ही पार्टी सपा का साथ नहीं मिल रहा. विपक्ष भी लगातार स्वामी प्रसाद मौर्य को इस बयान के लिए घेर रहा है.

Ramcharitmanas: स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान से सपा को होगा नुकसान? शिवपाल यादव ने BJP का जिक्र कर दिया ये बयान

Ramcharitmanas Row: रामचरितमानस पर समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर विवाद गहराता जा रहा है. मौर्य को उनकी ही पार्टी सपा का साथ नहीं मिल रहा. विपक्ष भी लगातार स्वामी प्रसाद मौर्य को इस बयान के लिए घेर रहा है. हाल ही में सपा में अपनी पार्टी का विलय करने वाले शिवपाल यादव ने भी मौर्य के बयान पर अपना पक्ष रखा है. उन्होंने उनके बयान से असहमति जताई है.

शिवपाल यादव ने स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान से असहमति जताते हुए कहा कि हम राम-कृष्ण के आदर्शों पर चलने वाले लोग हैं. शिवपाल सिंह यादव ने रामचरितमानस पर अपनी पार्टी के विधान परिषद सदस्य स्वामी प्रसाद मौर्य के विवादास्पद बयान से असहमति जताते हुए मंगलवार को कहा कि यह उनका (मौर्य) ‘निजी बयान’ है और हम भगवान राम और कृष्ण के आदर्शों पर चलने वाले लोग हैं.

इटावा जिले के जसवंनगर विधानसभा क्षेत्र पहुंचे शिवपाल ने मौर्य के विवादित बयान के बारे में पूछे जाने पर पत्रकारों से कहा, “यह उनका व्यक्तिगत बयान है, न कि पार्टी का. हम लोग भगवान राम और कृष्ण के आदर्शों पर चलने वाले लोग हैं.” यह पूछे जाने पर कि क्या मौर्य के बयान से पार्टी को राजनीतिक नुकसान होगा, शिवपाल ने कहा, “यह उनका निजी बयान था, न कि पार्टी का.” सपा नेता ने खुद ही सवाल किया, “क्या भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लोग भगवान राम के आदर्शों का पालन करते हैं?”

गौरतलब है कि मौर्य ने रविवार को कहा था, “धर्म का वास्तविक अर्थ मानवता के कल्याण और उसकी मजबूती से है. अगर रामचरितमानस की किन्हीं पंक्तियों के कारण समाज के एक वर्ग का जाति, वर्ण और वर्ग के आधार पर अपमान होता हो, तो यह निश्चित रूप से धर्म नहीं, बल्कि अधर्म है.” उन्होंने आरोप लगाया था, “रामचरितमानस की कुछ पंक्तियों में कुछ जातियों जैसे कि तेली और कुम्हार का नाम लिया गया है. इससे इन जातियों के लाखों लोगों की भावनाएं आहत हो रही हैं.”

मौर्य ने मांग की थी, “रामचरितमानस के आपत्तिजनक अंश, जो जाति, वर्ण और वर्ग के आधार पर समुदायों का अपमान करते हैं, उन पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए.” उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की पूर्ववर्ती सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे मौर्य पिछले साल हुए राज्य विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा छोड़ सपा में शामिल हो गए थे. उन्होंने कुशीनगर जिले की फाजिलनगर सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए थे. हालांकि, सपा ने बाद में उन्हें विधान परिषद का सदस्य बना दिया था.

शिवपाल ने दावा किया, “भाजपा के खिलाफ माहौल है और लोग सपा के साथ आ रहे हैं. भविष्य में हमें भाजपा को सत्ता से उखाड़ फेंकना है और राज्य में सपा की सरकार वापस लानी है.” सपा के खिलाफ मुखर रहने वाले उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य पर शिवपाल ने कहा, “वो बड़बोले हैं और अभी मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में आए थे, लेकिन जनता ने उन्हें सबक सिखा दिया. आगे भी हम उन्हें (केशव प्रसाद मौर्य) बताएंगे कि चुनाव कैसे लड़ा जाता है.”

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(एजेंसी इनपुट के साथ)

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