पंजाब में ट्रेनों की आवाजाही बंद होने के कारण लोग परेशान हैं. अनिश्चितता वाली स्थिति अब त्योहारों की खुशियां अपने परिवारों में मनाने की इच्छा लिए बैठे लोगों पर भारी पड़ती नजर आ रही है. लोग दीपावली व छठ के लिए घर जाना चाहते हैं, लेकिन ट्रेन कब चलेंगी इसको लेकर स्थिति सा नहीं है.
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चंडीगढ़ : पंजाब में किसान आंदोलन के कारण लंबे समय से ठप ट्रेनों की आवाजाही व बार-बार रोड जाम करने का मामला पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट (Punjab Haryana High Court) पहुंच गया है. मामले में जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने पंजाब सरकार (Punjab Government) से स्टेटस रिपोर्ट तलब की है. इस केस में हाई कोर्ट के वकील अरविंद सेठ ने याचिका दायर कर पंजाब व हरियाणा में आंदोलनकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला
याचिका में कहा गया कि लोकतंत्र में हर किसी को अपनी मांग को लेकर प्रदर्शन व हड़ताल करने का अधिकार है, लेकिन उसका भी एक तरीका है. सुप्रीम कोर्ट आदेश दे चुका है कि किसी भी स्थिति में नेशनल और स्टेट हाइवे पर जाम नहीं लगाया जा सकता वहीं रेलवे ट्रैक भी ब्लाक नहीं किया जा सकता.
याचिका में मांग की गई कि रेलवे और सड़क मार्ग बाधित करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए. इन्हे हटाने के लिए बल प्रयोग के साथ इनसे सरकारी कार्रवाई में आए खर्च की वसूली भी होनी चाहिए. याची ने कई जजमेंट का हवाला देकर सरकारी व निजी संपति को हुए नुकसान के आंकलन के लिए क्लेम कमिश्नर लाने की मांग की. उन्होंने कहा कि माननीय अदालत के नुकसान की भरपाई करने संबंधी आदेश भी देना चाहिए.
पंजाब सरकार की दलील
मामले की सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार की तरफ से एडवोकेट जनरल अतुल नंदा ने पेश होकर कोर्ट को बताया कि पंजाब में सभी रेलवे ट्रैक खाली करवा दिए गए हैं, इस पर एडिशनल सालिसिटर जनरल आफ इंडिया सतपाल जैन ने कहा कि रेलवे ट्रैक खाली करने की पंजाब सरकार की बात सही है, लेकिन अभी भी 23 रेलवे स्टेशनों पर धरना जारी है.
सत्यपाल जैन ने बताया कि पंजाब सरकार ने केवल मालगाड़ी चलाने की बात कही है, जबकि छठ पूजा, दीपावली पर लोगों को अपने घर आना जाना होता है, इसलिए केंद्र सवारी व माल गाड़ी दोनों चलाना चाहती है, लेकिन पंजाब सरकार ने अभी तक इस बाबत ग्रीन सिग्नल नहीं दिया, पंजाब सरकार जैसे ही रेलवे को सुरक्षा देने का वादा करती है तो केंद्र सवारी व माल गाड़ी दोनों एक साथ चलाएगी.
18 नवंबर को अगली सुनवाई
हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रवि शंकर झा और जस्टिस अरूण पल्ली की बेंच ने मामले को एक अन्य मामले के साथ सुनने का आदेश देते हुए 18 नवंबर को पंजाब सरकार से कोर्ट द्वारा मांगी गई स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया. इस याचिका में पंजाब सरकार, हरियाणा सरकार व केंद्र सरकार को प्रतिवादी बनाया गया है.
बता दें, पंजाब में ट्रेनों की आवाजाही बंद होने के कारण लोग परेशान हैं. पंजाब में रेलगाड़ियां चलाने की अनिश्चितता वाली स्थिति अब त्योहारों की खुशियां अपने परिवारों में मनाने की इच्छा लिए बैठे लोगों पर भारी पड़ती नजर आ रही है. लोग दीपावली व छठ के लिए अपने प्रदेशों में जाना चाहते हैं, लेकिन अभी तक ट्रेनें कब चलेंगी इसको लेकर कोई स्थिति स्पष्ट नहीं है.
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