महाराष्ट्र में रेस्तरां और बार के सोमवार से खुलने से जहां उद्योग जगत में खुशी है, वहीं उसे एक बड़ी दिक्कत कर्मचारियों को लाने ले जाने में हो रही है. इसकी वजह राज्य में माह के अंत तक लॉकडाउन का जारी रहना है.
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मुंबई: महाराष्ट्र में रेस्तरां और बार के सोमवार से खुलने से जहां उद्योग जगत में खुशी है, वहीं उसे एक बड़ी दिक्कत कर्मचारियों को लाने ले जाने में हो रही है. इसकी वजह राज्य में माह के अंत तक लॉकडाउन का जारी रहना है. इसके चलते 30 प्रतिशत रेस्तरां, बार के ही तत्काल खुलने की उम्मीद, बाकी धीरे-धीरे खुलेंगे. महीनों से बंद पड़े रेस्तरां उद्योग की दूसरी बड़ी समस्या कोष और रखरखाव से जुड़ी है. हालांकि इस बारे में उद्योग का कहना है कि इसके धीरे-धीरे एक माह में सुधरने की उम्मीद है.
उद्योग जगत को राहत
होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया (एचआरएडब्ल्यूआई) के वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रदीप शेट्टी ने एक बयान में कहा, ''रेस्तरां को खोलने का विकल्प उद्योग से जुड़े लोगों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है. यद्यपि यह एक अच्छी पहल है लेकिन सभी रेस्तरां तत्काल नहीं खुल पाएंगे. हमारा अनुमान है कि केवल करीब 30 प्रतिशत रेस्तरां ने सोमवार से खुलना शुरू किया है. बाकी रेस्तरां महीने भर के भीतर धीरे-धीरे खुलने लगेंगे.''
खल रही काम करने वालों की काम
शेट्टी ने कहा कि मुंबई में सिर्फ 33 प्रतिशत क्षमता के साथ रेस्तरां खोलने की अनुमति है. उनमें से भी कई को कर्मचारियों की कमी का सामना करना पड़ रहा है. वजह शहर में आवागमन की सुविधा सुचारू ना होना है. उन्होंने कहा, ''इतना ही नहीं रेस्तरां छह माह से बंद हैं तो उन्हें अपने परिसरों का कायाकल्प और रखरखाव करना होगा. इसके अलावा उनके पास वित्त की दिक्कत भी है क्योंकि पिछले छह महीने से भी अधिक समय में उनकी बचत इत्यादि कर्मचारियों का वेतन और जगह का किराया भरने में चली गयी.''
इंडियन होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन (एएचएआर) के अध्यक्ष शिवानंद शेट्टी ने कहा कि ग्राहक बहुत समर्थन करने वाले और धैर्यवान बने रहे, क्योंकि मानक परिचालन प्रक्रियाएं उनकी सुरक्षा और कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए जरूरी हैं.