डिजिटल बना ये सरकारी स्कूल, ऐप के जरिए माता-पिता मिलती हैं ये जानकारियां
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डिजिटल बना ये सरकारी स्कूल, ऐप के जरिए माता-पिता मिलती हैं ये जानकारियां

करदेज प्राथमिक स्कूल के सभी कमरों में सीसीटीवी लगा है जिसे वेब पोर्टल से जोड़ा गया है.

गुजरात के भावनगर में सरकारी स्कूल को डिजिटल बनाया गया.

भावनगर: गुजरात के भावनगर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के डिजिटल इंडिया का सपना साकार हो रहा है. शहरों से लेकर ग्रामीण इलाकों के सरकारी स्कूलों को डिजिटल बनाया जा रहा है और बच्चों को मॉडर्न डिजिटल शिक्षा देने के कदम उठाएं जा रहे हैं. भावनगर तालुका का करदेज प्राथमिक स्कूल आज देश के सभी सरकारी स्कूलों के लिए प्रेरणा बन गया है. इस स्कूल में डिजिटल टेक्नोलॉजी और वेब पोर्टल के माध्यम से पढ़ाई में करवाई जा रही है.

  1. बच्चों के आई कार्ड पर QR कोड लगाए गए हैं.
  2. QR कोड की स्कैनिंग से अभिभावकों को बच्चों के स्कूल पहुंचने की जानकारी मिलती है.
  3. अभिभावक घर बैठकर मोबाइल पर बच्चों को लाइव देख सकते हैं.

इस स्कूल में पढ़ने वाली छात्राओं को जो आई कार्ड दिए गए हैं उनमें QR कोड लगाए गए हैं. इस QR कोड के माध्यम से छात्राओं के अभिभावकों को उनके स्कूल पहुंचने की जानकारी भी मिल जाती है. जब छात्राएं स्कूल में आती हैं तो उनका QR कोड स्कैन किया जाता है और फिर मोबाइल ऐप से अभिभावकों को बच्चियों के पहुंचने की सूचना मोबाइल पर मैसेज के जरिए मिल जाती है. इतना ही नहीं जब छात्राएं स्कूल से घर वापस जाती हैं तब फिर से आई कार्ड के QR कोड को स्कैन किया जाता है जिससे छात्राओं के स्कूल से निकलने की जानकारी मोबाइल पर अभिभावकों को मिल जाती है.

इसके अलावा करदेज प्राथमिक स्कूल के सभी कमरों में सीसीटीवी लगा है जिसे वेब पोर्टल से जोड़ा गया है. इससे अभिभावक घर बैठे ही जानकारी ले सकते हैं कि उनका बच्चा स्कूल में क्या कर रहा है. इसके साथ ही अभिभावक स्कूल में रोज होने वाली एक्टिविटीज को भी अपने फोन पर देख सकते हैं.

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अगर कोई छात्रा किसी वजह से स्कूल आने में असमर्थ है तो अभिभावक मोबाइल ऐप के माध्यम से ही बच्चे की छुट्टी के लिए प्रार्थना पत्र दे सकते हैं. इतना ही नहीं स्कूल ना आने की स्थिति में छात्राएं घर से ही मोबाइल ऐप पर परीक्षा दे सकती हैं. खास बात ये है कि ये टेक्नोलॉजी कैसे काम करती है इसकी जानकारी स्कूल में पढ़ने वाली छात्राओं को भी दी जा रही है.

इस नई डिजिटल टेक्नोलॉजी के सरकारी स्कूल में इस्तेमाल होने के बाद छात्राओं के अभिभावक भी काफी खुश हैं. इस स्कूल को डिजिटल बनाने में यहां के टीचरों का अहम रोल है इसका उन्हें गर्व भी है. स्कूल के वेब पोर्टल से सभी टीचर भी जुड़ीं हैं. जो बच्चों को छोटी से छोटी जानकारी देने के साथ-साथ बच्चों को बर्थडे भी विश करती हैं.

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बता दें कि स्कूल में पढ़ने वाली सभी छात्राओं को कंप्यूटर के बारे में पूरी जानकारी है. छात्राएं कंप्यूटर को रिपेयर भी कर लेती हैं. इस सरकारी स्कूल के डिजिटल बन जाने के बाद गुजरात सरकार प्रदेश के बाकी सरकारी स्कूलों को भी डिजिटल बनाएगी.

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