Mosquito diet: यहां हो रही मच्छरों की खातिरदारी, बनाया गया खास डाइट प्लान; क्या होगा फायदा?
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Mosquito diet: यहां हो रही मच्छरों की खातिरदारी, बनाया गया खास डाइट प्लान; क्या होगा फायदा?

Unique patent for Mosquito diet: मच्छरों से होने वाली बीमारियों को रोकने के लिए रिसर्च करने वाला देश का सबसे बड़ा संस्थान वेक्टर कंट्रोल रिसर्च सेंटर पुडुचेरी में मौजूद है. इस सेंटर में लाखों की संख्या में जीवित और मृत मच्छर मौजूद हैं जिन्हें रिसर्च के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. इनके लिए खास डाइट भी बनाई गई है.

Mosquito diet: यहां हो रही मच्छरों की खातिरदारी, बनाया गया खास डाइट प्लान; क्या होगा फायदा?

Unique patent for Mosquito diet: मच्छरों से होने वाली बीमारियों को रोकने के लिए रिसर्च करने वाला देश का सबसे बड़ा संस्थान (Vector Control Research Centre) वेक्टर कंट्रोल रिसर्च सेंटर पुडुचेरी में मौजूद है. इस सेंटर में लाखों की संख्या में जीवित और मृत मच्छर मौजूद हैं जिन्हें रिसर्च के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. लेकिन दिलचस्प बात यह है कि अगर मच्छरों पर रिसर्च करनी है तो न केवल उन्हें जिंदा रखना जरूरी है बल्कि उनका पालन पोषण उनका खानपान और उनका प्रजनन इन सब पर भी ध्यान दिया जा रहा है.

मच्छरों के लिए तैयार की गई डाइट

इन सब के लिए मच्छरों को अच्छी डाइट देना भी बेहद जरूरी है. कई वर्षों की रिसर्च के बाद वीसीआरसी की वैज्ञानिक डॉक्टर निशा मैथ्यू और उनकी टीम ने मच्छरों के लिए एक पोषक डाइट तैयार कर ली है, जिसे मंगलवार को ही पेटेंट की मंजूरी भी मिल गई. दरअसल मादा मच्छर को पनपने के लिए और अंडे देने के लिए यह जरूरी है कि उसे इंसान का खून मिलता रहे. इसके लिए संस्थान को ब्लड बैंक की मदद की जरूरत पड़ती थी और कई बार मच्छरों के लिए ब्लड का इंतजाम करना मुश्किल हो जाता था. 

मच्छरों का रखा जा रहा खास ख्याल

ब्लड बैंक भी ऐसे पैकेट्स ही संस्थान को देता था जो या तो एक्सपायर होने वाले हों या फिर किसी वजह से वह इंसान के इस्तेमाल के लायक ना रहे हों. इस समस्या का हल ढूंढने के लिए संस्थान ने मच्छरों के लिए आर्टिफिशियल डायट बनाने पर काम करना शुरू किया. कई वर्षों में 18 अलग-अलग डाइट लैब में तैयार की गईं, जिनमें से चार डायट ऐसी थीं जिन्हें मच्छरों ने खाना शुरू कर दिया और उनकी सेहत और प्रजनन क्षमता भी ठीक-ठाक बनी रहे.

जानिए लैब में क्या खाता है मच्छर?

आप यह जानकर हैरान हो जाएंगे कि लैब में बनाई जा रही इस डाइट में मल्टीविटामिन, कार्बोहाइड्रेट और कोलेस्ट्रॉल जैसे जरूरी पोषक तत्व मौजूद हैं.

मच्छर को खाना खिलाने का विशेष इंतजाम

इस विशेष डाइट को मच्छरों को खिलाने के लिए एक विशेष फीडर भी बनाया गया है. इस फीडर में एक मेंब्रेन लगा है यानी जाली लगी है, जिसके जरिए मच्छर इस पाउडर नुमा डाइट को खा सकता है. खास बात यह है कि पहले फीडर विदेश से मंगाया जाता था, जिसकी कीमत ₹50000 तक आती थी. लेकिन पुडुचेरी के इसी संस्थान में फीडर भी इजाद किया गया, जिसकी कीमत केवल ₹1000 पड़ती है. मच्छर इस डाइट को आराम से खा पाए इसके लिए फीडर के तापमान को इंसान के शरीर के तापमान की तरह 36 डिग्री सेंटीग्रेड पर ही रखा जाता है.

मच्छरों पर कैसा प्रयोग करना चाहते हैं वैज्ञानिक

पुडुचेरी के वेक्टर कंट्रोल रिसर्च सेंटर में इन मच्छरों पर यह प्रयोग किया जा रहा है कि क्या इन मच्छरों की ब्रीडिंग बदलकर मच्छरों को ही डेंगू के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है या नहीं. मच्छरों से होने वाली और भी दूसरी बीमारियों पर लगातार रिसर्च की जा रही है. इसके लिए संस्थान देश के हर राज्य से मच्छर इकट्ठे करके इस सेंटर पर लाता है. संस्थान के निदेशक डॉ अश्विनी कुमार के मुताबिक जल्द ही संस्थान की रिसर्च के जरिए देश को डेंगू का इलाज भी मिल सकता है. लेकिन इसके लिए मच्छरों को पाल पोस कर सेहतमंद रखना जरूरी है.

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