'प्रचार के लिए एक हेलिकॉप्टर दे देते Akhilesh Yadav तो सरकार बन जाती,' छलका Shivpal का दर्द
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'प्रचार के लिए एक हेलिकॉप्टर दे देते Akhilesh Yadav तो सरकार बन जाती,' छलका Shivpal का दर्द

UP Election 2022: शिवपाल यादव इटावा के सैफई आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के संविदा कर्मचारियों की हड़ताल के दौरान भी वहां पहुंचे थे. उन्होंने कर्मियों के साथ बैठ वहां धरना प्रदर्शन किया और योगी सरकार को भी जमकर घेरा. इस बीच शिवपाल ने अखिलेश यादव को भी आड़े हाथों ले लिया.

'प्रचार के लिए एक हेलिकॉप्टर दे देते Akhilesh Yadav तो सरकार बन जाती,' छलका Shivpal का दर्द

Shivpal Yadav Vs Akhilesh Yadav: शिवपाल यादव ने एक बार फिर भतीजे और समाजवादी पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव पर हमला बोला है. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में मिली हार का दर्द अब तक शिवपाल यादव को सता रहा है. शिवपाल यादव ने कहा कि अगर चुनाव के वक्त मुझे ही एक हेलिकॉप्टर दे देते तो आज सूबे में हमारी सरकार बन जाती.

प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के नेता शिवपाल यादव  ने कहा, 'हमने तो तसल्ली कर ली एक ही सीट पर अब अखिलेश ही सरकार नहीं बना पाए तो मैं क्या करूं. चुनाव के वक्त हर मंडल में हमें एक सीट ही कम से कम दे देते और साथ में एक हेलिकॉप्टर दे देते तो हर विधानसभा में 20-30 हजार वोट बढ़ जाते और आज हमारी सरकार होती.'  शिवपाल यादव इटावा के सैफई आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के संविदा कर्मचारियों की हड़ताल के दौरान भी वहां पहुंचे थे. उन्होंने कर्मियों के साथ बैठ वहां धरना प्रदर्शन किया और योगी सरकार को भी जमकर घेरा. इस बीच शिवपाल ने अखिलेश यादव को भी आड़े हाथों ले लिया.

'हमारी सरकार होती तो नहीं आता ये दिन'

शिवपाल यादव ने कहा, 'मुझे आज सैफई के संविदा कर्मचारियों के साथ हड़ताल पर बैठना पड़ रहा है. हमारी सरकार होती तो ये दिन नहीं आता. सैफई अस्पताल की हालत खराब होती जा रही है. पहले सैफई अस्पताल में 3 हजार से ज्यादा मरीज आते थे. इटावा ही नहीं यूपी के दूसरे जिलों और राज्यों के लोग भी यहां आकर इलाज कराते थे. इसकी खराब हालत की वजह से मरीजों की तादाद लगातार घट रही है. जो मरीज भर्ती हैं, उनको भी ठीक से इलाज नहीं मिल पा रहा है.'

ये थे यूपी चुनाव के नतीजे

2022 के यूपी विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने इतिहास रचते हुए दोबारा सत्ता में वापसी की थी. बीजेपी को जहां 255 सीट मिली थीं, जबकि उसकी सहयोगी अपना दल ने 12 सीट जीती थीं. बहुजन समाजपार्टी की सिर्फ एक नेता जीता था. वहीं कांग्रेस को 2, आरएलडी को 8 और समाजवादी पार्टी को 111 सीटें मिली थीं. सपा की तब सहयोगी रही सुहेलदेव भारतीय समाजपार्टी ने 6 सीट जीती थीं.

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