अजीत पवार के 'नौटंकी' वाले दावे पर शरद पवार का पलटवार- सिंचाई घोटाले का जिक्र भूल गए क्या?
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अजीत पवार के 'नौटंकी' वाले दावे पर शरद पवार का पलटवार- सिंचाई घोटाले का जिक्र भूल गए क्या?

Ajit Pawar: एक तरफ अजीत पवार ने चाचा शरद पवार के ऊपर जमकर आरोप लगाए. तो वहीं अब शरद पवार ने पलटवार करते हुए जबरदस्त तंज कैसा है. उन्होंने कई आरोपों के जवाब दिए साथ ही में पीएम मोदी की एक बात का भी जिक्र कर दिया.

अजीत पवार के 'नौटंकी' वाले दावे पर शरद पवार का पलटवार- सिंचाई घोटाले का जिक्र भूल गए क्या?

Sharad Pawar NCP: महाराष्ट्र की सियासत में चाचा भतीजे की जंग रह-रहकर सामने आ रही है. इसी कड़ी में अब शरद पवार ने अजीत पवार के कई आरोपों पर पलटवार कर दिया है. पहले अजीत पवार ने शरद के इस्तीफे पर बड़ा बयान देते हुए नौटंकी बता दिया था. तो वहीं अब शरद पवार ने इसका खंडन किया है. उन्होंने एक एक करके कई जवाब दिए हैं. शरद पवार ने कहा कि यदि सुबह-सुबह पद की शपथ लेने वाला कोई व्यक्ति यह दावा कर रहा है कि यह पार्टी की नीति है, तो उस व्यक्ति को गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए. इसके अलावा उन्होंने अजीत पवार को मोदी का वह बयान भी याद दिलाया जिसमें सिंचाई घोटाले की बात कही गई थी.

सिंचाई घोटाले की बात की गई थी वह किसके लिए था
शरद पवार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई सवालों के जवाब दिए हैं. प्रफुल्ल पटेल द्वारा कहा गया था कि 2004 में एनसीपी बीजेपी के साथ जाने वाली थी. इसका भी खंडन करते हुए शरद पवार ने बताया प्रफुल्ल पटेल भाजपा में जाना चाहते थे. पत्रकारों द्वारा जब पूछा गया कि अजित पवार ने कहा है कि हमें नरेंद्र मोदी को चुनकर लाना है. इस पर जवाब देते हुए शरद पवार ने कहा पीएम मोदी ने भोपाल में एक भाषण दिया था जिसमें सिंचाई घोटाले की बात की गई थी वह किसके लिए था. उन्होंने कहा कि अजीत पवार की कही हुईं, कई बाते मेरी समझ में आई हैं. विधानसभा चुनाव के समय जब हमने लोगों से वोट मांगे, तब हमारी भूमिका भाजपा के साथ जाने की बिल्कुल नहीं थी.

उनकी भूमिका और विचार हमसे मेल नहीं खाते
उन्होंने कहा कि उनकी भूमिका और विचार हमसे मेल नहीं खाते थे आज भी हमारी भूमिका भाजपा के विरुद्ध है, लेकिन शिवसेना के खिलाफ़ नहीं है. जो लोग ऐसा कहते है, कि शिवसेना, बीजेपी और एनसीपी ने एक साथ बैठाकर सरकार बनाने की बात की थी. आप बीजेपी में जा रहे है, मैं इस्तीफ़ा देता हूं, फिर आंदोलन कारियों से कहा कि इस्तीफे का विरोध करो.. अजीत पवार के इस आरोप पर उन्होंने कहा कि मैने इस्तीफ़ा दिया इसका कारण क्या था, सामूहिक निर्णय हुआ था, स्पष्ट फैसला लिया गया था कि भारतीय जनता पार्टी के साथ नहीं जाना. मुझे इस्तीफ़ा देना था तो किसी की इजाजत लेने की जरूरत नहीं..मेरे पास मेरा निर्णय लेने की काबिलियत है.

अजीत पावर के आरोपों पर उन्होंने कहा कि मैं पिछले 60 सालों से काम कर रहा हूं, अनेक प्रकार की टीका टिप्पणी सुनी है. उन्होंने कहा कि 
मैं प्रफुल्ल पटेल की किताब का इंतजार कर रहा हूं. उन्हें इसमें ईडी का चैप्टर भी लिखना चाहिए. उन्हें यह भी लिखना चाहिए कि दिल्ली में उनके घर की कितनी मंजिलें ईडी ने जब्त कीं और क्यों की. मराठा आरक्षण की मांग करते समय संसदीय मंजूरी से अन्य तत्वों को ठेस नहीं पहुंचनी चाहिए, समुदाय में कड़वाहट और दूरी नहीं होनी चाहिए.

क्या अजीत पवार के दिए हुए बयानों से आपको दुख होता है? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि नहीं मुझे कोई दुख नहीं होता है. पांच राज्यों के नतीजे पर उन्होंने कहा कि मैं कोई ज्योतिषी नहीं हूं लेकिन मुझे लगता है देश के लोगों की एक सोच है, देश के लोग बदलाव की स्थिति में है बदलाव के मूड में है. लेकिन जब तक फाइनल काउंटिंग नहीं आ जाती तब तक इस पर कुछ कहना सही नहीं होगा.

बता दें इससे पहले अजीत पवार ने दावा किया कि सरकार में शामिल होने को लेकर शरद पवार की सहमति थी. उन्होंने यह भी कहा कि उनका अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना महज एक नौटंकी थी. लोगों को बुलाकर इस्तीफा वापस लेने के लिए समर्थकों को बुलाना भी सहमति का एक हिस्सा था  शुक्रवार को अजित पवार की एनसीपी की दो दिवसीय चिंतन बैठक कर्जत में खत्म हुई तो इस मौके पर उन्होंने शरद पवार पर निशाना साधा था.

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