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Emotional Video: सोशल मीडिया पर एक भावुक कर देने वाला वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. 75 साल पहले भारत-पाकिस्तान बंटवारे के दौरान एक-दूसरे से बिछड़े भाई-बहन फिर से मिले तो लोगों की आंखों में आंसू अपने आप ही आ गए. भाई-बहन की मुलाकात भी सोशल मीडिया के माध्यम से संभव हो सकी. 75 साल पहले बंटवारे में बिछड़े भाई और उसकी बहन की इस ऐतिहासिक मुलाकात का साक्षी करतारपुर कॉरिडोर बना.
पीएमयू करतारपुर के अधिकारी @PmuKartarpur ने इस भावुक मुलाकात का वीडियो ट्विटर पर शेयर किया है. उन्होंने कैप्शन में लिखा कि करतारपुर कॉरिडोर (शांति का गलियारा) में एक और अलग परिवार की मुलाकात. श्री शेख अब्दुल अजीज और उनकी बहन मोहिंदर कौर, जो 1947 में विभाजन के समय अलग हो गए थे, गुरुद्वारा श्री दरबार साहिब करतारपुर में फिर से मिले.
An other separated family meetup at kartarpur Corridor (Corridor of Peace). Mr sheikh Abdul Aziz and his sister Mohinder kaur who got separated at the time of partition in 1947 met at Gurdwara Sri Darbar Sahib kartarpur.
Both families were very happy and praised the government pic.twitter.com/TACb7O7SjH
भारत की 81 वर्षीय महिला महेंद्र कौर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के अपने 78 वर्षीय भाई शेख अब्दुल अजीज के साथ करतारपुर कॉरिडोर में फिर से मिलीं. एक सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से उन्हें पता चला कि वे दोनों भाई-बहन बंटवारे में अलग हो गए थे.
बंटवारे के दौरान पंजाब के भारतीय हिस्से से सरदार भजन सिंह का परिवार दुखद रूप से टूट गया था. उनके परिवार के लोग पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में स्थानांतरित हो गए थे. जबकि उनके परिवार के अन्य सदस्य भारत में ही रह गए थे. महेंद्र कौर के भाई अजीज ने कम उम्र में शादी कर ली थी लेकिन हमेशा अपने माता-पिता और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ फिर से जुड़ने की लालसा रखते थे.
खुशी इतनी थी कि महेंद्र कौर बार-बार अपने भाई को गले लगा रही थीं और उनके हाथों को चूम रही थीं. दोनों परिवारों ने रविवार को साथ-साथ बैठकर करतारपुर में गुरुद्वारा दरबार साहिब का भी दौरा किया. उन्होंने अपने पुनर्मिलन के प्रतीक के रूप में उपहारों का भी आदान-प्रदान किया. करतारपुर प्रशासन ने दोनों परिवारों को माला पहनाई और मिठाइयां बांटी.
(एजेंसी इनपुट के साथ)