Salaya Port Drugs Case: समंदर के रास्ते 'मौत का सामान' भेजने वालों पर NIA का एक्शन, 4 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल
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Salaya Port Drugs Case: समंदर के रास्ते 'मौत का सामान' भेजने वालों पर NIA का एक्शन, 4 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल

Pakistan Drugs: आरोपी कुलदीप सिंह फतेहगढ़ साहिब में गुरुद्वारे में ड्राइवर था और उसकी बोलेरो गाड़ी पर गुरुद्वारे का स्टिकर लगा हुआ था. इसकी वजह से कोई भी पुलिस पोस्ट पर गाड़ी नहीं रोकी जाती थी. इसी का फायदा उठा कर गाड़ी में दिल्ली से करनाल, कुरुक्षेत्र होते हुए लुधियाना और फिर अमृतसर तक ये ड्रग्स पहुंचाई जाती थी.

Salaya Port Drugs Case: समंदर के रास्ते 'मौत का सामान' भेजने वालों पर NIA का एक्शन, 4 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल

Drugs in India: NIA ने पाकिस्तान से समुद्र के रास्ते गुजरात में ड्रग्स की तस्करी के आरोप में चार आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की. ये चारों आरोपी पाकिस्तान, इटली और ऑस्ट्रेलिया में बैठे मुख्य आरोपियों के इशारों पर ड्रग्स की तस्करी कर रहे थे, जिसका इस्तेमाल आतंक के लिए किया जाना था.इस मामले में एजेंसी अब तक 24 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है जबकि 9 आरोपी अभी भी फरार हैं, जिसमें पाकिस्तान, ऑस्ट्रेलिया और इटली में बैठे चार मुख्य आरोपी हैं.

ये मामला अगस्त 2018 से जुड़ा है, जब गुजरात एटीएस ने अजीज अब्दुल भागड़ के पास से पांच किलो ड्रग्स बरामद की थी. शुरुआत में ये मामला छोटा सा और महज ड्रग के इस्तेमाल और इसे बेचने का लग रहा था. लेकिन जब पुलिस ने इसकी जांच की तो पता चला कि इसके तार पाकिस्तान समेत दूसरे देशों से जुड़े हैं. इसी के बाद इस मामले की जांच 29 जून 2020 को NIA को दी गई.

क्या मिला जांच में

एजेंसी ने अपनी जांच में पाया कि पाकिस्तान में बैठे हाजी साहब उर्फ भाईजान और नबी बक्श ऑस्ट्रेलिया में बैठे तनवीर सिंह बेदी और इटली में छिपे सिमरनजीत सिंह संधू के साथ मिल कर भारत में ड्रग्स सप्लाई कर रहे हैं. इन्होनें पाकिस्तान से 500 किलो ड्रग्स (Heroine) गुजरात के सलाया पोर्ट पर भेजी. 

सलाया पोर्ट गुजरात की देवभूमि द्वारका में है. यहां से ये ड्रग्स दिल्ली के रास्ते पंजाब गई, जिसे हरमिंदर सिंह, मनजीत सिंह, कुलदीप सिंह और मलकीत सिंह ले कर गए थे. इन लोगों के पास पंजाब में गोदाम है, जिसमें ये ड्रग्स छिपा कर रखी जाती थी और इसे प्यूरीफाई कर पंजाब के अलग-अलग हिस्सों में बेचा जाता था. 

जांच में पता चला है कि इस ड्रग से जो कमाई हो रही थी, उसका इस्तेमाल भारत के खिलाफ आतंकी साजिश और वारदात में किया जा रहा था.  

लुधियाना में ले रखा था गोदाम

जांच में पता चला कि हरमिंदर सिंह और मनजीत सिंह ने पंजाब के लुधियाना में गोदाम और घर किराए पर ले रखा था, जहां ये ड्रग छिपा कर रखी जाती थी और फिर इसे प्यूरीफाई कर आगे भेजा जाता था. ऑस्ट्रेलिया में छिपा बैठा आरोपी तनवीर सिंह बेदी, कुलदीप सिंह और मनजीत सिंह आरोपी सुखबीर सिंह के साथ मिल कर इस ड्रग को प्यूरीफाई करने और उससे पहले इसके लिये इस्तेमाल होने वाले केमिकल को ट्रांसपोर्ट करने में मदद करते थे.

खास बात ये थी कि आरोपी कुलदीप सिंह फतेहगढ़ साहिब में गुरुद्वारे में ड्राइवर था और उसकी बोलेरो गाड़ी पर गुरुद्वारे का स्टिकर लगा हुआ था. इसकी वजह से कोई भी पुलिस पोस्ट पर गाड़ी नहीं रोकी जाती थी. इसी का फायदा उठा कर गाड़ी में दिल्ली से करनाल, कुरुक्षेत्र होते हुए लुधियाना और फिर अमृतसर तक ये ड्रग्स पहुंचाई जाती थी.

इस मामले में एजेंसी की ये 6वीं चार्जशीट है, जो चार आरोपी हरमिंदर सिंह उर्फ रोमी रंधावा, मंजीत सिंह उर्फ मन्ना, कुलदीप सिंह और मलकीत सिंह के खिलाफ अहमदाबाद की कोर्ट में दाखिल की गई है. जबकि 9 आरोपी अभी भी फरार हैं.

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